भोपाल। मध्य प्रदेश की तीन राज्य सभा सीटों पर चुनाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह को चुनाव के लिए रिटर्निंग अफसर नियुक्त कर दिया गया है। यही नहीं चुनाव की अधिसूचना जनवरी के पहले हफ्ते में जारी होने की उम्मीद है। 9 अप्रैल 2020 में तीन राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रभात झा, और सत्यानारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसलिए चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार दो सीटों पर कांग्रेस के सदस्य चुने जाना हैं। फिलहाल दो सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। कांग्रेस से कई दिग्गजों के नाम रेस में चल रहे हैं। चुनाव आयोग अगले महीने के पहले सप्ताह में राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर कार्यक्रम घोषित कर सकता है।
कांग्रेस के लिए राज्य सभा की राह आसान
प्रदेश में रिक्त होने वाली तीन सीटों में से भाजपा के पास दो और कांग्रेस के पास एक सीट है। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद समीकरण बदल गए हैं। विधानसभा की मौजूदा सदस्यों की संख्या के मुताबिक कांग्रेस की राह आसान दिख रही है। राज्य सभा सदस्यों के चुनाव में प्रत्याशी को जीत के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास अभी 114 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में एक निर्दलीय विधायक है। तीन निर्दलीय कांग्रेस विचारधारा के हैं और सरकार को समर्थन भी दे रहे हैं। इसी तरह बसपा के दो और सपा का एक विधायक भी कमलनाथ सरकार को समर्थन कर रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं, भाजपा के 108 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस के दो प्रत्याशियों की राज्यसभा चुनाव में जीत आसान है।
सिंधिया राज्य सभा के लिए प्रबल दावेदार
कांग्रेस में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। वर्तमान सांसद दिग्विजय सिंह के अलावा सबसे मज़बूत दावेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बताई जा रही है। पार्टी उनको राज्य सभा भेजने का मन बना चुकी है। हालांकि, अतंमि निर्णय हाईकमान को ही लेना है। सीएम दिग्विजय के नाम पर सहमती जता सकते हैं। लेकिन इस रेस में पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा की सीट रिक्त करने वाले दीपक सक्सेना के नामों पर भी कांग्रेस विचार कर सकती है।