MP में बाघों की वैज्ञानिक तरीके से देखरेख, मिल रहे अच्छे परिणाम

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में बाघों (Tiger) के प्रबंधन में वैज्ञानिक प्रबंधन प्रक्रिया अपनाने की वजह से बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। ये प्रक्रिया अन्य वन्य प्राणियों के लिए भी अपनाई जा रही है। साल 2018 में आंकलित 526 बाघों में से तकरीबन 40 फीसदी बाघ संरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन-क्षेत्रों में विचरण करते हैं। क्षेत्रीय वन मण्डलों और राज्य वन विकास निगम इकाईयों के वन कर्मियों के उत्कृष्ट प्रबंधन और सतत् सुरक्षा के चलते यह कामयाबी मिल रही हैं। वन मंत्री कुंवर विजय शाह (Kunwar Vijay Shah) ने बताया कि प्रदेश का वन आवरण पहले हुए आंकलन की तुलना में वर्तमान में 68.49 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। इसके साथ ही प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के भीतर वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त रहवास के क्षेत्रफल में भी इजाफा हुआ है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।