भोपाल। गुना लोकसभा संसदीय क्षेत्र से पहली बार पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा है। अपनी हार स्वीकारने के बाद भी वह उन तमाम वोटरों का आभार प्रकट करना चाहते थे जिन्होंंने उन्हें वोट दिया। इसके लिए सिंधिया 4 जून को गुना और अशोकनगर, शिवपुरी में भव्य धन्यवाद सभाएं करने वाले थे। लेकिन इस बीच प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर चल की रस्साकशी में सिंधिया की सभाएं रद्द हो गईं हैं।
दरअसल, सिंधिया दिल्ली में रुके हुए हैं। यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली रुकने के लिए कहा है। राहुल नए प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय करेंगे। जल्द ही इस पद के लिए ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक राहुल के इस फैसले को सिंधिया की नई भूमिका के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसी अटकलें हैं कि सिंधिया को आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस के ही कुछ खेमे ऐसा नहीं चाहते हैं। अंदर खाने की खबर है कि सिंधिया के खिलाफ जीतू पटवारी का नाम भी आगे बढ़ाया गया है।
सिंधिया समर्थकों ने उठाई आवाज
मंत्री इमरती देवी के बाद मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, सिंधिया के अध्यक्ष बनने से कार्यकर्ता हार की हताशा से बाहर निकलकर उत्साह के साथ कांग्रेस की मजबूती के लिए जुट जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि सिंधिया का अध्यक्ष बनाया जाना समय की मांग है। उनकी योग्यता और अनुभव का सही उपयोग संगठन को मजबूती देने में हो सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के महासचिव हैं। गुना-शिवपुरी से सांसद रहे हैं। इस बार वे चुनाव हार चुके हैं। उनके पास लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिमी यूपी का प्रभार था। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमपी में खूब मेहनत की थी। मगर उन्हें सीएम न बनाए जाने के बाद उनके सर्मथकों में काफी नाराजगी देखी गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया एमपी में अपने सीट को छोड़ बाकी जगहों पर प्रचार भी नहीं किए थे।