भोपाल।
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिंधिया ने कहा कि लोगों के फैसले को स्वीकार करते हुए और जवाबदेही लेते हुए, मैंने अपना इस्तीफा एआईसीसी के महासचिव के रूप में राहुल गांधी को सौंप दिया था। मैं उन्हें इस जिम्मेदारी को देने के लिए और मुझे अपनी पार्टी की सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
आज मीडिया से चर्चा करते हुए सिंधिया ने आगे कहा- मैं ऐसा नेता नहीं हूं जो दूसरों को आदेश दे। मुझे लगता है कि जब कोई जिम्मेदारी होती है, तो जवाबदेही भी आती है। यहां तक कि अगर पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं है तो भी मैं जिम्मेदार हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया।सिंधिया ने कहा कि कहा कि मैं आज इस्तीफा नहीं दिया हूं। मैं आठ-दस दिन पहले ही राहुल गांधी को हार की जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा भेज दिया था। मैं भी पार्टी की हार के लिए बराबर का जिम्मेवार हूं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए शनिवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। सिंधिया ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सका है। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद , प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया ने सभी पदों और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने विधिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। अभी तक ये इस्तीफे मंजूर नही हुए है। ये सभी इस्तीफे कांग्रेस की कमान नया अध्यक्ष बनने के बाद स्वीकार होंगे। तब तक सभी पदों पर बने रहेंगे।
बता दे कि लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव बनाया गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया था। यूपी में भी कांग्रेस प्रदर्शन बेहद खराब था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली थी। खुद राहुल गांधी अमेठी से अपना चुनाव हार गए थे।