मुरैना।
माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) के बाल सखा माने जाने वाले मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के पूर्व मंत्री (former minister) बालेन्दु शुक्ला (balendu shukla) का कांग्रेस (congress) से बीजेपी (bjp ) में जाना और फिर बीजेपी से कांग्रेस में आना और इसके लिए सिंधिया को जिम्मेदार ठहराना समर्थकों में गुस्से की वजह बन गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia ) के कट्टर समर्थक और मुरैना (morena) के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज पाल सिंह manoj pal singh ने शुक्ला पर प्रहार करते हुए कहा है कि बालेन्दु जैसे लोग एहसान फरामोश है जो स्वर्गीय माधवराव सिंधिया द्वारा उनके जीवन काल में किए गए एहसानों को भूलकर आज उनके परिवार के खिलाफ ही मोर्चा खोल रहे हैं। मनोज पाल सिंह ने कहा कि एक मामूली बैन्क क्लर्क की नौकरी करने वाले बालेंन्दु को राजनीति में अगर कोई लाया तो स्वर्गीय माधवराव सिंधिया थे और उसके बाद प्रदेश की राजनीति में मंत्री बनवाना और कद्दावर नेता के रूप में स्थापित करना भी माधवराव सिंधिया की वजह से ही संभव हो पाया। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद बालेंद्र शुक्ला की महत्वाकांक्षा बढ गई और वे स्वर्गीय माधव महाराज का स्थान लेने का विचार बनाने लगे ।
इसी वजह से ग्वालियर चंबल अंचल के कांग्रेसी उनसे नाराज हो गए और उनका बहिष्कार कर दिया गया। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने स्वर्गीय माधवराव जी के साथ शुक्ला के संबंधों को देखते हुए उन्हें पूरा सम्मान दिया लेकिन सत्ता की भूख में बालेन्दु इस कदर छटपटा रहे थे कि उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी ।उसके बाद उनकी जो कुगति हुई है वह पूरा प्रदेश जानता है।