भोपाल| प्रदेश के प्रशासनिक हलकों में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच हाल ही में जन्मदिन की बधाई देने के बहाने हुई मुलाकात की चर्चा जोरों पर है। दोनों नेताओं की मुलाकात का फोटो सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहा है, जिसमें लोग जन आयोग के गठन एवं पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार की जांच को लेकर सवाल उठा रहे हैं। परदे के पीछे चल रही इस चर्चा के अलग अलग मायने निकले जा रहे हैं|
वहीं दोनों दलों के नेता इस मुलाकात के बाद इस बात को लेेकर पशोपेश में है कि शिवराज से मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया। इतना ही नहीं भाजपा के एक बड़े नेता के खिलाफ भी जांच शुरू होने जा रही है। दोनों दलों के नेताओं के बीच चर्चा है कि शिवराज-कमलनाथ के बीच बेहतर ट्यूनिंग हो गई है। इससे पहले भी कई दफा दोनों नेता गर्मजोशी के साथ मुलाकात करते रहे हैं, सीएम के शपथग्रहण समारोह में शिवराज काफी जिंदादिली से मिले, जबकि यह पहला मौक़ा था जब 13 साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज मंच पर दिखाई दिए थे, लेकिन उनके चेहरे पर युद्ध जीतने वाली मुस्कराहट थी, उन्हें करीब से जानने वाले इसे ही शिवराज की खासियत बताते हैं|
सिंधिया-शिवराज की मुलाकात पर भी कयासों का बाजार हुआ था गरम
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में कांग्रेस नेता ज्योतरदित्य सिंधिया और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात ने भी हलचल पैदा कर दी थी। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में हुई इस बातचीत के बाद लोग ये जानने को आतूर थे कि आखिर क्या बात हुई| इस मुलाकात के भी अलग अलग मायने निकाले जा रहे थे| हालाँकि दोनों ही नेताओं ने इस मुलाकात को सामन्य और शिष्टाचार भेंट बताया | लेकिन प्रदेश की सियासत में अब कुछ सामान्य न रहा, हर पहलु अब राजनीतिक हो गया है| बात चुनाव से पहले की हो या चुनाव बाद की, हर रंग राजीनतिक हो गया है, जिसके चलते प्रदेश में हमेशा चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है|