भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 16 जनवरी से भारत (India) में लगाई जाने वाली कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पूरी तरह तैयार है। मध्य प्रदेश में 16 जनवरी को 302 स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना टीकाकरण (Vaccination) प्रारंभ होगा। प्रथम चरण में कोरोना वारियर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख 16 हजार है।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान के संबंध में 14 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों, जन-प्रतिनिधियों आदि से चर्चा करेंगे। सभी के सहयोग से इस अभियान को सफलता से प्रदेश में संचालित किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना (Corona) के दोनों वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ एवं ‘कोवैक्सीन’ (Covshield And Covaxine) पूरी तरह सुरक्षित एवं विश्व में अभी तक तैयार किए गए कोरोना वैक्सीन में सर्वश्रेष्ठ हैं। इन्हें लगवाने में किसी भी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। भारत के वैज्ञानिक समूह ने भी इस बात को प्रमाणित किया है। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का भ्रम अथवा अफवाह न फैलाए।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 16 जनवरी को वैक्सीनेशन के लॉन्च के अवसर पर जेपी अस्पताल भोपाल (JP Hospital Bhopal) और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर (MGM Medical College Indore) में इवेंट की वेबकास्टिंग के लिए विशेष टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम (Communication System) होगा।कोरोना वैक्सीन के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर (Bhopal, Indore, Gwalior and Jabalpur) में राज्य स्तर के स्टोर्स बनाए गए हैं, जहां वैक्सीन प्राप्त करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
पहली खेप में आएंगे 5 लाख डोज
कोरोना वैक्सीनेशन के प्रथम चरण में 4 लाख 16 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का पंजीयन किया गया है। इनमें सभी शासकीय स्वास्थ्य कर्मियों के साथ 85 हजार निजी स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं। इनके लिए हमें पहले 5 लाख डोज प्राप्त हो रहे हैं। इनमें 04 लाख 80 हजार कोविशील्ड वैक्सीन के तथा 20 हजार कोवैक्सीन के होंगे।मध्य प्रदेश के चार स्टोर्स भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में 13 जनवरी की सुबह केंद्र से वैक्सीन मिलने की संभावना है, जो वायु मार्ग से आएगी। इसके बाद 24 घंटे के अंदर प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन पहुँचा दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के पास 4.2 करोड़ वैक्सीन खुराक स्टोर करने की क्षमता है, जो पर्याप्त है।प्रदेश में टीकाकरण के लिए 28 हज़ार 365 वैक्सीनेटर बनाए गए हैं, जिनका प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश में 1149 केंद्रों पर टीकाकरण होगा। टीकाकरण दल के अलावा हर केंद्र पर एक चिकित्सक भी तैनात रहेगा। प्रदेश के 42 जिलों में टीकाकरण का कार्य 5 दिन में तथा शेष जिलों में 4 दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
वैज्ञानिकों का दावा- पूरी तरह सुरक्षित
इंडिया साइंटिफिक कमेटी के वैज्ञानिक डॉ. विनोद पाल (Dr. Vinod Pal, Scientist of India Scientific Committee) ने कहा कि ‘कोवीशील्ड’ व ‘कोवैक्सीन’ दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये दोनों ‘इम्यूनोजैनिक’ अर्थात शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले हैं, साथ ही संक्रमण को रोकने वाले हैं। जिन्हें को- मोरबिडिटी (अन्य बीमारियां) हैं उनके लिए भी वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। यह शरीर में रोग से लड़ने के लिए एंटी बॉडीज पैदा करता है।कोरोना संबंधी मदद के लिए ‘कोविन’ हेल्प लाइन संचालित रहेंगी। केन्द्रीय हेल्पलाइन का नंबर 1075 (Central Helpline Number 1075) तथा राज्य सरकारों की हेल्पलाइन का नंबर 104 (State Helpline Number 104) होगा।
ऐसी है मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारियां
- वैक्सीन डिलीवरी के लिए भारत सरकार द्वारा कोविन पोर्टल बनाया गया है, जो हमारी आईटी क्षमता का श्रेष्ठ उदाहरण है। इससे संपूर्ण टीकाकरण कार्य की अच्छी मॉनिटरिंग भी होगी।
- कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष और कमांड सेंटर की स्थापना की गई है।
- साथ ही हर जिले तथा ब्लॉक स्तर पर भी कार्य की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।
- प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी संबंधित को प्रशिक्षण, कोल्ड चैन, वैक्सीन लॉजिस्टिक, ड्राई रन आदि सारे कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
- वैक्सीन प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर सभी जिला टीका केंद्रों में उसे ले जाने की व्यवस्था भी कर ली गई है।
- जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नागरिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तथा चयनित निजी संस्थानों में टीकाकरण का कार्य किया जाएगा।
- कुल 1149 टीकाकरण स्थल चयनित किए गए हैं। टीकाकरण के लिए इतने ही दल बनाए गए हैं। प्रत्येक दल में 4 वैक्सीनेशन ऑफिसर रहेंगे, जिनमें 2 एएनएम एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा एक आशा कार्यकर्ता होगी।
- वैक्सीनेशन कार्य की मॉनीटरिंग के लिए ‘कोविन’ डिजिटल प्लेटफार्म बनाया गया है।
- पहला डोज लगते ही टीका लगवाने वाले को एक डिजिटल प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जिसमें अगले डोज की तिथि अंकित होगी।
- दूसरा डोज लगने के बाद व्यक्ति को फाइनल सर्टिफिकेट मिलेगा। ‘कोविन’ पर टीकाकरण की ‘रीअल टाइम’ एंट्री होगी।
- वैक्सीनेशन की कुल 45 दिन की प्रक्रिया है। पहले डोज एवं दूसरे डोज के बीच 28 दिन का अंतर होगा तथा दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेशन का असर होगा।
गौरतलब है कि 16 जनवरी से भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान कोरोना वैक्सीनेशन प्रारंभ हो रहा है। जिन दो वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ व ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली है ये दोनों ‘मेड इन इंडिया’ है। वैक्सीनेशन के प्रथम चरण में लगभग 03 करोड़ व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन लगाया जाएगा। इनमें पहले सभी स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, रक्षा कर्मी, सफाई कर्मी तथा इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों तथा 50 वर्ष से कम आयु के उन व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा, जिन्हें ‘को-मॉरबिडिटी’ है (अर्थात जो डाइबिटीज, ब्लडप्रेशर, सांस की बीमारी आदि से ग्रसित हैं)।