भोपाल| लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा जारों पर है| पार्टी में चिंतन-मंथन, एक दौर की बैठकें हो चुकी हैं| लेकिन नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इस पर फैसला नहीं हो पाया| अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की अटकलें तेज हो गई हैं| यह अटकलें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी की उस टिप्पणी के बाद लगाईं जा रही है, जिसमें राहुल ने कहा था कि मुझे इस बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया। इस बयान के बाद कमलनाथ भी कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद मैंने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी| इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिल्ली पहुंचेंगे, जहां वे अलग अलग नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमे प्रदेश की कमान किसे सौंपी जाए इस पर भी मंथन हो सकता है|
दरअसल, विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तब भी प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की संभावना थी, लेकिन हाई कमान ने लोकसभा चुनाव तक कमलनाथ को ही यह जिम्मेदारी देने का फैसला रखा| लेकिन छह माह के भीतर ही प्रदेश में परिणाम उलट आये तो संगठन में बदलाव की मांग फूट पड़ी और कई नेता खुलकर प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा करने लगे| हालाँकि कमलनाथ खुद प्रदेश अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहते क्यूंकि उनका फोकस सरकार चलाने पर है, दोहरी जिम्मेदारियों के चलते जल्द ही पीसीसी चीफ की कमान किसी अन्य नेता को सौंप सकते हैं| कमलनाथ दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं, जहां वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और राहुल गाँधी से इस सम्बन्ध में अंतिम चर्चा कर सकते हैं|
अजय सिंह पर बन सकती है सहमति, सिंधिया को मनाना चुनौती
कमलनाथ अगर इस्तीफा देते हैं तो नया पीसीसी चीफ कौन होगा इसको लेकर कई नाम चर्चा में है, लेकिन सबसे प्रबल दावेदार पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस पद के लिए दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। दोनों ही नेता चाहते हैं कि इस पद पर अजय सिंह काबिज हो। राजनीति के गलियारों में यह बात पहले से चर्चित है कि दिग्विजय सिंह और सिंधिया घराने में सिायसी उठापटक चलती रहती है। दिग्विजय सिंह पीसीसी चीफ के लिए उनके खेमे के किसी व्यक्ति को लाना चाहते हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह दोनों ही के करीबी माने जाता हैं। यही नहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी उनके समर्थन में हैं। वहीं, दूसरी ओर सिंधिया समर्थक अपने नेता को इस पद पर बैठा देखना चाहते हैं। वह इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में सिंधिया लोकसभा चुनाव हारे हैं। उनके हार के बाद से ही सिंधिया समर्थक उन्हें पीसीसी चीफ बनवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बकायदा एक अभियान भी छेड़ रखा है। सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी और गोविंद राजपूत ने पूर्व में मांग की थी सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाना चाहिए। सीएम पद के लिए भी सिंधिया बराबरी के दावेदार थे, अब इस बार भी अगर उनका पत्ता कट होता है तो पार्टी को सिंधिया समेत उनके समर्थकों को मनाना चुनौती होगी|
आदिवासी चेहरे की भी चर्चा
पार्टी के अंदरखाने एक चर्चा और भी है कि प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष का पद आदिवासी नेता को ही दिया जाए। इसकी वजह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पार्टी ने प्रदेश की 47 ट्राइबल सीटों में से 30 पर जीत दर्ज की थी, जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई जो कांग्रेस से ही बागी होकर चुनाव लड़े थे। इस बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश की 28 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। लेकिन आदिवासी बहुल जिलों का खासा वोट कांग्रेस पार्टी को मिला। इसी के चलते पार्टी के भीतर इसी वर्ग से किसी नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग भी उठ रही है। जिसके चलते मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, उमंग सिंघार का नाम पर विचार किया जा सकता है| वहीं गृहमंत्री बालबच्चान का नाम भी शुरुआत से ही चर्चा में है, कमलनाथ सरकार में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी उनके नाम की पैरवी कर चुके हैं|
कमलनाथ ने की थी इस्तीफे की पेशकश, तन्खा ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दुख जताने के बाद मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली है। मिंटाे हॉल में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सही कह रहे हैं। मैं नहीं जानता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन मैंने पहले इस्तीफे की पेशकश की थी। बाकी नेताओं के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं हार की जिम्मेदारी लेता हूं। इस बीच, एडवोकेट विवेक तन्खा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि व सूचना का अधिकार विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी उन्होंने गुरुवार देर रात ट्वीट कर दी।