साध्वी की जीत के लिए BJP ने बुलाई बैठक, नही पहुंचे नेता, इंतजार करते रहे प्रदेश प्रभारी

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भोपाल।

एमपी में इस बार लोकसभा चुनाव बड़ा ही रोमांचक हो गया है। खास करके भोपाल लोकसभा सीट बीजेपी के लि चुनौती बनी हुई है। जीत के लिए पार्टी ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है।साध्वी के पक्ष में माहौल तैयार किया जा रहा है।इसके लिए मंगलवार को प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने विधायकों, पूर्व विधायकों, जिलाध्यक्ष, पार्षद, पूर्व पार्षद और जिला पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन कई नेता नदारद रहे, जिसके चलते सहस्त्रबुद्दे नाराज हो गए।इस घटनाक्रम से साफ जाहिर है कि बीजेपी में अंदर सबकुछ ठीक नही चल रहा है।कही ना कही नेता साध्वी को मैदान में उतारे जाने से खुश नही है।

दरअसल,भोपाल एक हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है। यहां सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है। बीजेपी के किले में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने दिग्गज नेता दिग्विजय को उतारा है, वही बीजेपी ने कट्टर हिन्दू छवि वाली साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारा है, लेकिन बीते दिनों हुई बयानबाजी के चलते बीजेपी में घमासान मच गया है, पार्टी को डर है कि कही इन बयानों और विवादों के चलते कही वोट बैंक ना खिसक जाए, इसी के चलते मंगलवार को आनन-फानन में  साध्वी की चुनावी तैयारियों को लेकर  प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने खुद भोपाल के विधायकों, पूर्व विधायकों, जिलाध्यक्ष, पार्षद, पूर्व पार्षद और जिला पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। लेकिन इसमें सिर्फ पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह और शैलेंद्र प्रधान पहुंचे। पूर्व विधायक रमेश शर्मा ने यह कहकर नहीं आए कि उनकी पीरगेट पर वरिष्ठ नेताओं से बात हो गई है। सुरेंद्रनाथ सिंह, कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, जितेंद्र डागा, सुदेश राय, विष्णु खत्री समेत कई लोग नहीं आए। इसके बाद पार्षदों, पूर्व पार्षदों व जिला पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कुल 56 में से 38 पार्ष��, 120 पूर्व पार्षदों में से 32 ही आए।

सहस्त्रबुद्धे इस बात से नाराज हो गए और उन्होंने सभी से कहा कि भोपाल संसदीय सीट का चुनाव हाईप्रोफाइल है। यह विचारधारा को लेकर लड़ा जा रहा है। इसमें सभी काे काम करना है। जो काम नहीं कर रहे, उनकी जानकारी है। ऐसे लोगों के बारे में पार्टी बाद में विचार करेगी। बैठक में स्थानीय नेताओं ने यह भी कहा कि कई लोगों को कोई काम नहीं मिल रहा। वे घर बैठे हैं।वही संगठन भी इसको लेकर खफा था और उनका कहना है कि विधायकों के कहने पर चलने वाले इन पार्षदों के बारे में भविष्य में निर्णय लिया जाएगा।सुत्रों की माने तो पार्टी के कई नेता साध्वी को भोपाल से चुनाव लड़ाने के पक्ष में नही थे, अंदर साध्वी को लेकर नेताओं में नाराजगी है, जिसके चलते वे बैठक में नही पहुंचे। 


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