सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने सहकारिता विभाग के स्टेनोग्राफर को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।आरोप है कि स्टेनोग्राफर ने समिति प्रबंधक से उसके पक्ष में एक आदेश जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने आरोपी स्टेनोग्राफर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार, संयुक्त पंजीयक सहकारिता कार्यालय में स्टेनोग्राफर ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ प्रकाश कोरी ने छतरपुर के राजनगर तहसील के लखेरी गांव में पदस्थ समिति प्रबंधक राम अवतार पिता स्व. टेकचंद से उसके पक्ष में एक आदेश जारी करने के एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी थी।जिसकी शिकायत समिति प्रबंधक ने लोकायुक्त से की थी।लोकायुक्त ने योजना बनाकर बुधवार देर शाम प्रबंधक को स्टेनोग्राफर के पास भेजा, वहां जैसे ही स्टेनो ने पैसे लेने के लिए हाथ बढ़ाए लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।आरोपित स्टेनो कोरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। बाद में निजी मुचलके पर छोड़ दिया।

लोकायुक्त पुलिस एसपी रामेश्वर सिंह यादव के अनुसार छतरपुर के राजनगर अंतर्गत लखेरी गांव में समिति प्रबंधक के पद पर कार्यरत रामअवतार पुत्र टेकचंद पटना को वर्ष 2015 में समिति द्वारा पद से प्रथक कर दिया गया था। समिति के इस फैसले के विरुद्ध रामअवतार पटना द्वारा अपील की गई जिसकी सुनवाई सागर स्थित संयुक्त पंजीयक सहकारिता कार्यालय में जारी है।सिविल लाइन में संयुक्त पंजीयक कार्यालय में पदस्थ क्लर्क प्रकाश कुमार कोरी ने रामअवतार पटना को समिति प्रबंधक के पद पर बहाली कराने का आश्वासन दिया और उसने बदले में 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। इसकी शिकायत राम ने लोकायुक्त से की।शिकायत जांच में सही पाए जाने पर टीम ने उसे रंगेहाथों धर लिया। टीम ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत स्टेनोग्राफर के खिलाफ कार्रवाई की है।