भोपाल।
हाल ही में दसवीं और बारहवीं के कई जिलों में खराब प्रदर्शन के बाद मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब सरकारी स्कूल के शिक्षक बच्चों को ट्यूशन या कोचिंग नहीं ले पाएंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) की आयुक्त जयश्री कियावत ने आदेश जारी कर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्यूशन और कोचिंग पढ़ाने पर रोक लगा दी है।हालांकि विभाग का यह कदम कितना कारगार सिद्ध होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
खबर है कि विभाग द्वारा यह रोक लगातार सीएम हेल्पलाइन पर मिल रही शिकायतों के बाद लगाई गई है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत प्राप्त हुई है कि शासकीय स्कूलों के शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य सही ढंग से नहीं किया जाता है, साथ ही विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए बाध्य किया जाता है। विभाग द्वारा स्कूल निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक शाला से गायब रहकर कोचिंग पढ़ाते हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि इसमें सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षक पर यह लागू नहीं होगा। सभी संकुल प्राचार्य निर्देश का पालन करवाएं और शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को आदेश जारी कर 25 जून तक शपथ पत्र संकुल में जमा कराएं। आदेश का पालन नहीं करने पर शिक्षक व संकुल प्राचार्य पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि प्रदेश इस वर्ष मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट में कई जिलों के प्रदर्शन काफी खराब रहे हैं। ऐसे में कार्यरत शिक्षकों से सरकार अब सख्ती बरतने के मूड में है। हाल ही में सरकार ने यह तय किया था कि जिन जिलों के रिजल्ट खराब हुए हैं, वहां के शिक्षकों की अब परीक्षा लेगी। अगर उसमें फेल हुए तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।प्रदेश सरकार ने पहली बार ऐसा प्रयोग किया है, जब सरकारी स्कूल के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ी।बीते दिनों ही स्कूल शिक्षा विभाग ने 10वीं- 12वीं की कक्षा की परीक्षा में 30 फीसदी तक रिजल्ट देने वाले स्कूलों के 15 शिक्षकों की परीक्षा ली थी।