मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Congress MLA Jaivardhan Singh) ने ट्वीट (Tweet) कर लिखा है कि कांग्रेस सरकार (Congress Government) द्वारा महापौर/अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष करवाने का विरोध करने वाली बीजेपी की सरकार में निकाय चुनाव में महापौर/अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष होगा। वही उन्होंने इस पर तंज कंसते हुए लिखा है कि फिर भाजपा (BJP) ने विरोध क्यों किया था ???
वही राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह (State Election Commissioner Basant Pratap Singh) ने बताया कि मध्य प्रदेश में 407 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराये जाना है। दो चरण में मतदान होगा। प्रथम चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जायेगा। महापौर/अध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इन 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं। कुल 19 हजार 955 मतदान केन्द्र बनाये गए हैं। कुल अभी 60 नगरीय निकायों का कार्यकाल बाकी है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च 2021 को हो चुका है। नगरीय निकायों में मतदान EVM से कराये जायेंगे।
दरअसल, आज राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी समय-सीमा में पूरी करें। निर्वाचन से संबंधित जो कार्यवाही शेष है, उसकी सूची बनायें और प्रत्येक कार्य समय पर करें। तैयारी पूरी होते ही आम निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी।पंचायत आम निर्वाचन 3 चरण में करवाये जायेंगे। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पंच के 3 लाख 77 हजार 551, सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 833, जिला पंचायत सदस्य के 904, उप सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 313 और जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 52 पदों का निर्वाचन कराया जायेगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कमलनाथ सरकार की राह पर चल पड़ी है। यही कारण है कि शिवराज सरकार ने नगरीय निकाय के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया है। इसको लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया है। मध्य प्रदेश में 2015 तक महापौर-अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होते रहे हैं, लेकिन तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला किया था।
इसके बाद शिवराज सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही फैसला पलट दिया और महापौर/अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का अध्यादेश जारी कर दिया था, लेकिन कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बावजूद मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2021 को बजट सत्र में पेश नही किया गया, जिसके चलते अब महापौर-अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया गया है।