जेल प्रहरी परीक्षा स्थगित, सोशल मीडिया पर फूट रहा युवाओं का गुस्सा, कांग्रेस भड़की

Pooja Khodani
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MPPEB recruitment

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 20 नवंबर को होने वाली जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2020 स्थगित हो गई है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (एमपीपीईबी), भोपाल ने अपरिहार्य कारणों से परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। हालांकि बोर्ड ने वेबसाइट पर स्पष्ट लिखा है कि जल्द ही इसकी नई तारीख और नए प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। परीक्षा स्थगित करने के बाद उम्मीदवारों में प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) और पीईबी के प्रति आक्रोश है वही कांग्रेस (Congress) ने भी सवाल किया है कि आखिर सरकार ने किसके इशारे पर परीक्षा स्थगित की है।

दरअसल, मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ( MPPEB ) ने जुलाई में राज्य सरकार के जेल विभाग (Jail department) में जेल प्रहरी पद पर 282 वैकेंसी निकाली थी, जिसके तहत प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (एमपीपीईबी), भोपाल (Bhopal) ने जेल मुख्यालय, मध्य प्रदेश भोपाल के अंतर्गत जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2020 (Jail Prahari Exam 2020) का आयोजन दिनांक 20 नवंबर (November) से 29 नवंबर के बीच होना था, लेकिन इसके पहले ही परीक्षा को स्थगित कर दिया, जिसके बाद से उम्मीदवारों में आक्रोश व्याप्त है।

बोर्ड अधिसूचना के अनुसार जल्द ही नई तिथियों और प्रवेश पत्र डाउनलोड (Download) करने की तिथि निर्धारित करेगा। इसके लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की वेबसाइट (Website) पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें लिखा है- Jail department-Prahari( Karyapakik) Recruitment test-2020 has been postponed due to unavoidable reasons. The New Examination date and new test admit card will be displayed very soon.

कांग्रेस का सवाल- किसके इशारे पर स्थगित की परीक्षा

कांग्रेस मीडिया के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता (Bhupendra Gupta) का कहना है कि पीईबी के अध्यक्ष केके सिंह बतायें कि किस खासव्यक्ति केइशारे पर उन्होंने बिना सोचे समझे अचानक परीक्षा स्थगित कर दी?उन्होंने कहा कि केवल तीन सेंटरों के फेर में 67 सेंटरों के तीन लाख उम्मीदवारों को परेशानी में डाला गया है। ऐसा लगता है कि भले ही व्यापम का नाम बदलकर पीईबी कर दिया गया हो किंतु अभी भी व्यापम वाली कारगुजारियां जारी हैं ।जिन तीन सेंटरों को बदला गया है उन्हें वापिस यथावत भी रखा जा सकता था।वे उसे न बदलने देते।किंतु इस छोटी सी अव्यवस्था के कारण पूरी परीक्षा स्थगित करने के पीछे भविष्य में किये जाने वाले किसी बड़े षड़यंत्र का स्पष्ट आभास हो रहा है।गुप्ता ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि लाखों गरीब उम्मीदवारों को जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा? बार-बार परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियां बदलकर अपनी छवि बचाने की कोशिश में लगा पीईबी अंदर हो रही कारगुजारियों पर रोक क्यों नहीं लगाता?

Twitter पर ऐसे फूट रहा लोगों का गुस्सा

उपचुनाव के पहले ऐलान और बाद में परीक्षा स्थगित किए जाने पर सोशल मीडिया पर युवाओं का गुस्सा जमकर फूट रहा है। यूजर्स इसे युवाओं के साथ छलावा बता रहे है वही ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल भी करते नजर आ रहे है कि आखिर कब सड़क पर उतरेंगे।वही भांजे अपने मामा (Shivraj Singh Chauhan) से भी सवाल कर रहे है कि क्या ये सब आपके कहने पर हुआ है या फिर किसी और..?

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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