भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा(BJP) में नई नवेले महाराज को खुश करना ग्रामीण सङक विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी को महंगा पड़ गया ।दरअसल 10 सितंबर को गुना जिले में सड़क विकास प्राधिकरण(Road development authority) द्वारा बनाई जा रही ग्राम जमरा से गाजीपुर तक की सड़क का भूमि पूजन कार्यक्रम था जिसके भूमिपूजन शिलालेख में मध्य प्रदेश सरकार(Government of Madhya Pradesh) के मंत्री और सिंधिया समर्थक माने जाने वाले महेंद्र सिसोदिया(Mahendra Sisodia) और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया(Rajya Sabha MP Jyotiraditya Scindia) का नाम तो था लेकिन स्थानीय सांसद डा. के पी यादव(Dr. KP Yadav) का नाम गायब था।
केपी गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) मे सिन्धिया को शिकस्त दी थी। शिला पट्टिका से केपी का नाम गायब होने को लेकर कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह(Congress MLA and former minister Jayawardhan Singh) ने की आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर लिखा था कि प्रधानमंत्री सड़क का भूमि पूजन है तो गुना क्षेत्र के सांसद डॉक्टर केपी यादव का नाम तो होना ही चाहिए। लेकिन क्या, वहा भी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर पानी फेरा था ,यहा भी यही करेंगे । यह सीधे-सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज था ।भोपाल में इस बात को गंभीरता से लिया गया और गुना कलेक्टर से जब प्रतिवेदन मनाया गया तो उन्होंने बताया कि इस बारे में सड़क बनाने की जिम्मेदारी महाप्रबंधक हेमंत शिवहरे पर थी
जिनको मौखिक रूप से सांसद केपी यादव का नाम शिला पट्टिका में लिखने के लिए बोल दिया गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और यह आदेशों का उल्लंघन है। भारत सरकार और राज्य सरकार के साफ निर्देश है कि किसी भी तरह के कार्यक्रम में स्थानीय सांसद के नाम का उल्लेख होना बेहद जरूरी है ।आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में हेमंत शिवहरे तत्काल निलंबित कर कर दिया गया है ।लेकिन गुना कलेक्टर ने मौखिक आदेश दिया,इसकी इस बात की क्या गारंटी है ,यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद डॉक्टर के पी यादव की लगातार उपेक्षा बीजेपी में चर्चा का विषय बनी हुई है।