Mental Health Tips : मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति अक्सर अकेलापन महसूस करता है। ऐसे लोग 10 लोगों के बीच में बैठकर भी खुद को अकेला ही पाते हैं। वह बहुत ही काम सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी साझा करते हैं। उन्हें कहीं आना-जाना पसंद नहीं होता, वह किसी से बात करना पसंद नहीं करते। अक्सर वह अकेले में खोए-खोए से रहते हैं। हालांकि, इन सारे सिम्टम्स को वह बहुत ही लाइटली लेते हैं, लेकिन यह सारी समस्याएं आगे चलकर उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि समय रहते अपनी मानसिक स्थिति में सुधार किया जाए। अन्यथा, यह धीरे-धीरे डिप्रेशन, एंजायटी और स्ट्रेस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है, जिससे आपको आगे चलकर बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया हर बच्चे के दिमाग में घर कर रहा है। जिस कारण उन्हें बहुत सी समस्याओं का शिकार भी होना पड़ रहा है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट्स बच्चों पर किस तरह पढ़ रहे हैं यह बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
साइड इफेक्ट्स
आजकल छोटे से छोटे बच्चे भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। बिना मोबाइल चलाए ना वह खाना खाते हैं, ना ही उनकी कोई एक्टिविटीज हो पाती है। अभी तो उन पर ज्यादा असर नहीं होता, लेकिन आगे चलकर उनकी आंखों में दिक्कत और मेंटल हेल्थ जैसी समस्याएं हो जाती है। इसका बहुत ही बुरा असर भी देखने को मिल रहा है। बच्चे तो जिस तरह के सांचे में उन्हें डालेंगे वह वैसे ही बन जाते हैं। इसलिए सोशल मीडिया का असर उनके आचरण पर भी देखने को मिलता है। इसके अलावा, बच्चों पर सोशल मीडिया का असर इस कदर है कि वह रील में देखने वाली चीजों को अपने असल जीवन में भी अप्लाई करते हैं, जिस कारण कई बार उन्हें महंगी कीमत चुकानी पड़ती है।
सर्जन मूर्ति की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 95% टीनएजर्स सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, जिनमें से 40% टीनएजर्स हर समय सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं। यह उनके स्वास्थ्य और जीवनशैली पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग उनकी नींद पर बुरा असर डाल रहा है। इसके अलावा, यह उनके आत्मविश्वास को कमजोर कर रहा है और उनकी खाने-पीने की आदतों को भी खराब कर रहा है। जो टीनएजर्स प्रतिदिन 3 घंटे से अधिक समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं, उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा अधिक होता है।
एडवायजरी के अनुसार, सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण बच्चों में डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी मानसिक बीमारियां पनप रही हैं। इसका मुख्य कारण बच्चों और युवाओं का बहुत कम उम्र में मोबाइल का इस्तेमाल शुरू करना है। इस समस्या का समाधान यह है कि माता-पिता 13 से 17 साल के बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)