तुम्हारी औकात है! अनु. जनजाति हॉस्टल की छात्रा ने वार्डन और SDM की शिकायत का वीडियो किया वायरल

परिजन की माने तो जब उन्होंने शिकायत की तो एसडीएम उलटा उनपर ही भड़क गई और कहा कि तकलीफ है तो अपनी बच्ची को ले जाओ घर पर रखो, मायूस होकर वे सभी लौट आये। 

Atul Saxena
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Umaria Girls Hostel

Umaria News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शिक्षा खासकर बालिका शिक्षा और उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत गभीर हैं, उनके निर्देश हैं कि बच्चियों को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिए चाहें वो स्कूल हो या फिर हॉस्टल, अनुसूचित जाति उअर अनुसूचित जनजाति के हॉस्टल के लिए तो मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश हैं लेकिन कुछ सरकारी मुलाजिम न केवल मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं बल्कि बच्चियों के साथ अभद्र व्यवहार भी कर रहे है, इसका खुलासा खुद हॉस्टल में रहने वाली एक बच्ची ने खुद अपना वीडियो वायरल कर किया है।

मामला उमरिया जिले के एक एसटी गर्ल्स हॉस्टल का है इसलिए ये बहुत गंभीर है, हॉस्टल की छात्राएं व्यवस्थाओं, खाने सहित अन्य कई बातों से परेशान हैं, उन्होंने कई बार हॉस्टल वार्डन रीना सिंह से शिकायत की तो उन्होंने इसे सिर्फ अनसुना ही नहीं किया बल्कि लड़कियों को डांट डपट भी दिया अभद्रता से बात भी की।

SDM पर बच्चियों ने लगाया अभद्रता का आरोप 

परेशान बच्चियों में से एक ने अपने परिजन को ये बात बताई, छात्रा के पिता 30 नवम्बर को बच्चियों को साथ लेकर कलेक्टर से मिलने गए तो वहां कलेक्टर नहीं मिले, उनकी जगह एसडीएम रीता डहेरिया से उनकी मुलाकात की, परिजन की माने तो जब उन्होंने शिकायत की तो एसडीएम उलटा उनपर ही भड़क गई और कहा कि तकलीफ है तो अपनी बच्ची को ले जाओ घर पर रखो, मायूस होकर वे सभी लौट आये।

बच्ची ने वीडियो बनाकर किया वायरल 

ये सब होने के बाद वार्डन के व्यवहार में और बदलाव आ गया, परेशान होकर एक बच्ची ने चुपचाप वीडियो बनाया जिसमें उसने पूरी बात विस्तार से बता दी और उसे वायरल कर दिया, ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो उस सरकारी सिस्टम की पोल खोल रहा है जिसे कुछ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की परवाह किये बिना अपनी हठधर्मिता से अपने हिसाब से चला रखा है।

मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद कर रही हैं छात्राएं 

मामला अनुसूचित जनजाति वर्ग की बच्चियों और उनके हॉस्टल से जुड़ा है जिसके लिए शासन सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध कराता है, रहने, खाने, उचित पोषण आहार के लिए अच्छे बजट का प्रावधान भी सरकार करती है बावजूद इसके कुछ सरकारी अफसर अपनी कार्यशैली से इसपर पलीता लगा रहे हैं, स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं वीडियो देखने के बाद संजीदा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जरुर कोई बड़ा एक्शन लेंगे और छात्राओं की व्यवस्थाओं में सुधार होगा।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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