हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के शरीर में बदलाव आना चालू हो जाते हैं, इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता उनका स्वास्थ्य होना चाहिए। लेकिन गृहणियों का हमेशा एक ही जवाब रहता है, आखिर क्या हुआ है मुझे। दिन भर तो अच्छा काम करती हूँ। मुझे कुछ नहीं हुआ. थकन के कारण ऐसा हुआ होगा। थोड़ी देर सो लुंगी तो ठीक हो जाउंगी।
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लेकिन उनकी यही नजरिया उन्हें दिन कमजोर बनाता जाता है। जिससे प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होती है। इसलिए एक नियमित समय के बाद जांच बेहद जरुरी हो जाती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि यदि आप शुरू में ही लक्षणों को पहचान लेंगी तो आपको आगे चलकर कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे आपका स्वास्थ्य एकाएक नहीं गिरेगा। जो महिलाएं नियमित जाँच नहीं करवाती हैं, तो उनके परिवार की जिम्मेदारी बनती है कि उनका टेस्ट करवाएं।
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यदि आप भी 21 वर्ष की हो चुकी हैं तो हर 3 साल में आपको शरीर की सम्पूर्ण जाँच करवानी चाहिए। पैप स्मीयर टेस्ट भी जरुरी है इस जाँच से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने और उसका निदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर की जाँच के लिए मूल रूप से इस जांच को पहचाना जाता है। यदि आपकी सुरक्षा प्राणी कमजोर है तो जरूर चेक करवाएं।
पेल्विक टेस्ट
पैल्विक टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा, योनि, गर्भाशय, मूत्राशय, अंडाशय, मलाशय और फैलोपियन ट्यूब को परखने के लिए किया जाता है। इसमें पहले योनि के बाहर के क्षेत्र की जांच की जाती है उसके बाद अन्य अंगों की जांच करते हैं। इसे साल में एक बार करवा सकते हैं और यदि परिवार में किसी का इतिहास रहा है तो उसे बार बार करवाना पड़ सकता है।
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मैमोग्राम
मैमोग्राम एक्स-रे स्तन की जांच के लिए किया जाता है। स्तन कैंसर का पता लगाने और निदान करने के लिए यह परीक्षण किया जाता है। स्तन कैंसर के शीघ्र पता लगाने और समय पर इलाज पाने के लिए उपयुक्त है। 45 से 55 साल की उम्र की महिलाओं को जाँच करवाने की सलाह दी जाती है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट
थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं इसके लिए यह जाँच होती है। हमारे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन, मनोदशा को विनियमित और चयापचय करने के लिए इस ग्रंथि का कार्य महत्वपूर्ण है। हर साल इसकी जांच करवा सकती हैं।
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लिपिड पैनल टेस्ट
हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने के लिए इस टेस्ट को निर्देशित किया जाता है। महिलाओं को इसे हर 2-3 साल में और जिन लोगों का मेडिकल इतिहास है उन्हें इससे अधिक बार करवाना चाहिए।
ब्लड प्रेशर टेस्ट
ब्लड प्रेशर टेस्ट किसी व्यक्ति का रक्त, रक्त वाहिकाओं पर कितना दबाव डाल रहा है जानने के लिए किया जाता है। उच्च या निम्न रक्तचाप कई चिकित्सीय स्थितियां जैसे बेहोशी, चक्कर आना और यहां तक कि व्यक्ति को कोमा में भी डाल सकता है। इसे हर हफ्ते करना चाहिए।
साडी जानकारी उपलब्ध करवाई जा चुकी है आपको, इसलिए आप सभी महिलाएं अपनी बीमारी को अनदेखा न करें और तुरंत अपनी जांच करवाएं।