Broken heart syndrome : ‘दिल टूटना’ ये भाव लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी महसूस करता है। अक्सर इसका अर्थ प्यार-मोहब्बत में दिल टूटने से लगाया जाता है। लेकिन दिल तो और भी कई कारणों से टूट सकता है और इसके लिए बाकायदा एक मेडिकल टर्म भी है जिसे ‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’ कहा जाता है। डॉक्टर्स इसे ‘ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी’ (Takotsubo cardiomyopathy) भी कहते हैं। आज हम इसी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानेंगे।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम
- ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का वास्तविक अर्थ यही है ‘दिल टूटना।’ लेकिन ये सिर्फ प्रेम में दिल टूटने को ही इंगित नहीं करता है। अगर आपके कोई भी प्रियजन आपसे किसी भी कारण बिछड़ जाए तो आपको ये तकलीफ हो सकती है।
- ये एक मेडिकल कंडीशन है। ऐसा होने पर तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- किसी के बिछड़ने के अलावा अगर कोई प्रिय दुर्घटना का शिकार हो जाए, किसी की मृत्यु हो जाए, गंभीर बीमार पड़ जाए या आपको या किसी अपने को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हो, ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना पर व्यक्ति ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का शिकार हो सकता है।
- ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम या ‘ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी’ से पीड़ित व्यक्ति का दिमाग इससे उबरने की कोशिश करता है लेकिन उसी दौरान उसके हृदय के बाएं वेंट्रिकल के एक भाग में मांसपेशियां शिथिल हो जाती है। इससे जरुरत के मुताबिक बल्ड पंप नहीं हो पाता है। हालांकि इस रोग से पीड़ित लोगों का प्रतिशत काफी कम पाया गया है।
- इस स्थिति में आने पर पीड़ित को सीने में तेज दर्द महसूस होता है। शरीर और दिल को सही तरह से ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण ये दर्द असह्य होता है और हार्ट अटैक की तरह प्रतीत होता है।
- सीने में दर्द के साथ सांस फूलना, पसीना आना, चक्कर आना, ब्लड प्रेशर कम होना, अनियमित धड़कन और उल्टी होना जैसे लक्षण शामिल है।
- एक अध्ययन के मुताबिक ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं।
- किसी व्यक्ति को अगर कभी सिर में गंभीर चोट लगी हो या उसे मिर्गी के दौरे पड़ते हो, तो उसे भी ये समस्या हो सकती है।
- ऐसा कोई भी लक्षण दिखने पर या किसी व्यक्ति का दिल टूटने पर अगर उसके व्यवहार में कोई बदलाव दिखे तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
- दिल टूटने पर भले ही ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम न हो, लेकिन ये स्थिति भी कई बार मानसिक और भावनात्मक रूप से भी गंभीर हो जाती है। ऐसा होने पर किसी मनोचिकित्सक या एक्सपर्ट को दिखाना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। इसे लेकर एमपी ब्रेकिंग न्यूज किसी तरह का दावा नहीं करता है। ऐसी कोई भी स्थिति होने पर चिकित्सकीय सलाह आवश्यक है।)