नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। दुनिया भर में Monkeypox का कहर छाया हुआ है। भारत में मंकीपॉक्स के मामले देखें जा चुके है। अमेरिका में वैज्ञानिक लगातार इसके इलाज को लेकर रिसर्च कर रहे हैं। एक शोध के दौरान पाया गया है की Tecovirimat नामक एक एंटीवायरल इस वायरस के लक्षणों को रोकने में प्रभावी है। यह दवाई मंकीपॉक्स के दौरान होने वाले घावों का उपचार करने भी सक्षम हो सकता है।
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रिपोर्ट के मुताबिक डेविस के प्रमुख लेखक एंजेल देसाई (कैलीफॉर्निया यूनिवर्सिटी) का कहना है की उनके पास मंकीपॉक्स संक्रमण के लिए Tecovirimat को लेकर बहुत सीमित मात्रा में आँकड़े है। हालांकि बीमारी की प्राकृतिक प्रोग्रेस को जानने के लिए काफी जानकारी है। बता दें की Tecovirimat एक एंटीवायरल दवा है, जिसे चेचक के इलाज के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने पास किया है। जामा पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं की टीम ने 25 रोगियों पर Tecovirimat थेरपी का इस्तेमाल किया था।
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इन सभी मरीजों के शरीर के कई हिस्सों पर घाव थे। साथ ही इनकी उम्र 26-27 वर्ष के बीच की थी। इनका इलाज 21 दिनों तक चला। वजन के हिसाब से हर 8-10 घंटे पर इन्हें थेरपी दी गई। सातवें दिन 40% मरीजों के घाव में राहत देखी गई। वहीं 21 दिन पूरे होते ही करीब 92% लोगों में सुधार देखा गया। रिसर्च में यह पाया गया की 25 में से 9 लोग एचआईवी ने ग्रसित थे। इन्हीं सभी मरीजों में मंकीपॉक्स के लक्षण थे। जैसे की बुखार, थकान, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, ठंड लगना, गले में खराश और मतली आना इत्यादि। करीब 90% अधिक मरीजों के जननांग में घाव थे।