Mental Health Tips: सोशल मीडिया की ऐसी न्यूज बना सकता है आपको गुस्सैल, स्ट्रेस के हो सकते हैं शिकार

डूमस्क्रॉलिंग एक ऐसा व्यवहार है जिसमें लोग लगातार नकारात्मक या भयावह खबरें पढ़ते रहते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसमें चिंता, तनाव और निराशा आदि भी शामिल है।

Sanjucta Pandit
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Mental Health Tips : इन दिनों लोग सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के इतने ज्यादा आदि हो चुके हैं कि सुबह उठते ही सबसे पहले वह अपना मोबाइल हाथ में उठते हैं और सोशल मीडिया चेक करते हैं। इसके अलावा, दिनभर तो वह सोशल मीडिया में लग ही रहते हैं साथ ही रात में सोने से पहले भी वह बिना सोशल मीडिया यूज किए बगैर नहीं सोते। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरी तरह से पड़ रहा है। इसका अंदाजा उन्हें फिलहाल नहीं लगता, लेकिन आगे चलकर यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर लोग कई बार ऐसी नेगेटिव और डरावनी खबरें पढ़ते हैं, जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा देखने को मिलता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको डूमस्क्रॉलिंग के नुकसान बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Mental Health Tips: सोशल मीडिया की ऐसी न्यूज बना सकता है आपको गुस्सैल, स्ट्रेस के हो सकते हैं शिकार

दरअसल, डूमस्क्रॉलिंग एक ऐसा व्यवहार है जिसमें लोग लगातार नकारात्मक या भयावह खबरें पढ़ते रहते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसमें चिंता, तनाव और निराशा आदि भी शामिल है।

अपनाएं ये टिप्स

  • सोशल मीडिया और समाचार वेबसाइटों पर बिताए गए समय को सीमित करें। आप दिन में सिर्फ कुछ समय ही खबरें पढ़ने के लिए निर्धारित कर सकते हैं।
  • नकारात्मक खबरों के बजाय पॉजिटिव कंटेंट, जैसे कि मोटिवेशनल कहानियां, हंसी-मजाक वाले वीडियो या शौक से संबंधित वीडियो देखने की कोशिश करें।
  • नियमित रूप से सोशल मीडिया और न्यूज़ वेबसाइट्स से ब्रेक लें। आप मेडिटेशन, व्यायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। इससे आपको मेंटल हेल्थ की समस्याओं से छूटकारा मिलेगा।

मेडिकल स्टीडिज के मुताबिक, दर्दनाक घटनाओं से जुड़े फोटो और जानकारी मिलने से लोगों में चिंता और निराशा बढ़ जाती है। शबांग के अनुसार, जब लोग लगातार ऑनलाइन नकारात्मक खबरों और सूचनाओं से जुड़े रहते हैं, तो इससे वे अपनी जिंदगी में भी वैसा ही महसूस करने लगते हैं। वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में डिजिटल बिहेवियर एक्सपर्ट डॉ. जोआन ऑरलैंडो ने डूमस्क्रॉलिंग के मानसिक सेहत पर प्रभाव की तुलना एक ऐसे कमरे में रहने से की है, जहां लोग लगातार आप पर चिल्ला रहे हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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