नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | सावधान, अगर आप ज्यादातर मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। तो यह खबर आपको बड़े फ्रॉड से बचाने में सहायक हो सकता है। यदि आप नेट बैंकिंग का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो हो जाइए सावधान। दरअसल, कंबोडिया में साइबर क्राइम रैकेट एक बार फिर से मजबूत स्तर पर सक्रिय हो चुका है। जिसकी चपेट में बहुत सारे लोग आ चुके हैं। मलेशियाई अधिकारी का दावा है कि, कंबोडिया में साइबर अपराध रैकेट से पीड़ित लोगों को इस दलदल से बचाया जा चुका है।
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वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार दक्षिण पूर्व एशिया में इस तरह के अभियानों में फंसे अपने सभी नागरिकों की मदद के लिए प्रयास करने में जुटी हुई है। दरअसल, मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि, उन्हें कंबोडिया के साथ लाओस, म्यांमार, समेत थाईलैंड में नौकरी के नाम पर लूटने का मामला सामने आया है। जिसके तहत करीब 300 लोगों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिनमें से 168 लोगों को बचाया जा चुका है। साथ ही आगे की कार्रवाई जारी है।
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बता दें कि हर साल पूरी दुनिया में बड़ी-बड़ी कंपनियों पर साइबर हमले होते हैं। जिससे करोड़ों रुपयों का नुकसान हो जाता है। जिससे बचने के लिए कंपनी एंटीवायरस सिस्टम का इस्तेमाल करती है। जिसपर करीब 6 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च किए जाते हैं लेकिन, इसके बावजूद साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल पूरी दुनिया में करीब 56 हजार करोड़ से ज्यादा लोग साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं। जिसमें भारत का नाम भी शामिल है। ऐसे अपराधों से बचने के लिए हमें बहुत ही सतर्कता बरतनी जरूरी है। बता दें कि साइबर अपराध से बचने के लिए सरकार तरह-तरह की मुहिम चलाती है, जिसके जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। इसके बावजूद भी लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
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दरअसल, आजकल लोग सुविधा से लैस है। जिसके तहत वह अक्सर नेट बैंकिंग सहित फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे कई ऐप का इस्तेमाल भी धुआंधार करते हैं। लेकिन इसी दौरान कई बार वह ऐसे साइबर क्राइम के झांसे में आ जाते हैं, जिसका अंदाजा उन्हें नहीं होता। जिसके कारण वह साइबर क्राइम की चपेट में आ जाते हैं। जिससे उनका लाखों, करोड़ों का नुकसान हो जाता है। साइबर क्राइम के जरिए लोगों का अकाउंट में हैक कर लिया जाता है। कई बार आपके मोबाइल डेक्सटॉप, लैपटॉप की पूरी जानकारी हैक कर ली जाती है। जिसके बाद उसका इस्तेमाल अपराध अपने फायदे के लिए करते हैं।
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