Japan Moon Mission: जापान के इस मून मिशन स्नाइपर की लैंडिंग का समय रात 9 बजे तय किया गया है, और यह चांद के इक्वेटर पर विशिष्ट स्थान पर लैंड करेगा। इस मिशन के लैंडर को रडार से लैंसिंग करने के लिए एक उन्नत तकनीकी प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है, जिससे इसे चंद्रमा की सतह पर बिल्कुल स्लिम लैंडिंग करने में सक्षमता है।
इस मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है चंद्रमा के बनने के प्रक्रिया को समझना और इसके रहस्यों को खोजना। स्नाइपर चांद के उदाहरणीय रूप से नए तत्वों, खनिजों, और चंद्रमा के अंदर की संरचना की जाँच करेगा, जो वैज्ञानिकों को चंद्रमा के उत्पत्ति और विकास के प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकता है।
जापान इस मिशन के साथ ही चंद्रमा पर लैंड करने वाला पांचवा देश बन जाएगा, इससे पहले इस देश ने 1966 में चंद्रमा पर लैंडिंग किया था। इस मिशन के बाद, जापान दुनिया के सर्वाधिक एडवांस्ड चंद्रमा मिशन का संचालन कर रहा है, जो उद्देश्य से संपन्न होने पर वैज्ञानिक समुदाय में बड़े हर्ष का कारण बन सकता है।
स्नाइपर का यह मिशन भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 के बाद दुनिया के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिससे चंद्रमा की अध्ययन और खोज में नए दरवाजे खुल सकते हैं। यहां तक कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिशन के लागत का आंकड़ा करीब 102 मिलियन डॉलर है, जो इसे वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक उदाहरणीय क्षमता बनाता है।