म्यांमार में 28 मार्च को विनाशकारी भूकंप ने जमकर तबाही मचाई। यहां 7.7 की तीव्रता से आया भूकंप इतना भयावह था की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा कर रहे सैकड़ो मुसलमान अपनी जान गंवा बैठे। इस आपदा के समय धरती कांपने के साथ मस्जिद ढह गई और मलबे में कई लोग दब गए।
इस घटना को देखने वाले चश्मदीदों का कहना है कि भूकंप के झटके इतनी तेज थे की मस्जिद की छत गिरने लगी और नमाज पढ़ रहे लोगों की मौके पर ही जान चली गई। जैसे ही झटके महसूस हुई लोग भागने लगे। इनमें से कुछ की जान बच गई और कुछ पर मस्जिद के छत गिरने से उन्हें नहीं बचाया जा सका। कितने लोगों की मौत हुई है यह आंकड़ा सामने नहीं आया था लेकिन अब म्यांमार मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने इसकी जानकारी दी है।

म्यांमार भूकंप में 700 लोगों की मौत (Myanmar Earthquake)
जुमे की नमाज के दौरान भूकंप में 700 से ज्यादा नमाजियों की मौत होने की जानकारी दी जा रही है। यह दावा म्यांमार के एक मुस्लिम संगठन ने किया है। स्प्रिंग रिवॉल्यूशन म्यांमार मुस्लिम नेटवर्क की संचालन समिति के सदस्यों ने इस बारे में जानकारी दी है और कहां कि देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट जो भूकंप आया उसकी वजह से मस्जिदें नष्ट और क्षतिग्रस्त हो गई है।
स्पष्ट संख्या का नहीं है अंदाजा
बता दें कि जब म्यांमार में यह हादसा हुआ। उस वक्त लगातार अलग-अलग माध्यम से हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े सामने आ रहे थे। यह बताया जा रहा था कि भूकंप में लगभग 1700 लोगों की जान चली गई है। अब इन लोगों के आंकड़े में मस्जिद में नमाज पढ़ रहे 700 लोगों का नाम शामिल है या नहीं इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है।
पुरानी मस्जिदों की हो रही चर्चा
म्यांमार में भूकंप से मची इस तबाही के बाद अब पुरानी मस्जिदों के रखरखाव और हाल पर भी चर्चा होने लगी है। यहां पर कुछ मस्जिद डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। जिन्हें मरम्मत की अनुमति सरकार की सख्त नीतियों की वजह से नहीं देने की बात कही जा रही है। बता दें कि अलग-अलग इलाकों में मस्जिद की छत गिरने के दौरान लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। इसमें बड़ी संख्या में महिला और बच्चे भी शामिल हैं।