स्टॉकहोम. स्वीडन में हथेली पर चिप लगवाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इस साल अलग-अलग कॉर्पोरेट ग्रुप्स के करीब 4000 कर्मचारियों ने अपने अंगूठे और पहली उंगली के बीच के हिस्से में एक खास तरह का डिवाइस लगवाया है। इसका फायदा यह है कि इसे लगवाने के बाद लोगों को अपने साथ किसी भी तरह का बैंक कार्ड, ट्रैवल टिकट और चाबी नहीं रखनी पड़ रही। हाथ में लगी चिप के जरिए ही वे कई काम कर रहे हैं।
चावल के दाने से भी छोटी है चिप
स्वीडन में चिप के लोकप्रिय होने के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को इसकी सुविधा देने की योजना बनाई है। चिप की खासियत यही है कि इसे लगाने के बाद सिर्फ हाथ के इशारे और टर्मिनल को छू लेने से ही सारे काम पूरे हो जाते हैं।
चिप में लगा सेंसर अलग-अलग यूटिलिटी प्लेटफॉर्म्स पर यूजर को एक्सेस दे देता है। साइज में यह डिवाइस एक चावल के दाने से भी छोटी है। चिप को लगवाने का खर्च भी 180 डॉलर (13 हजार रुपए) है। कुछ कंपनियां तो अपने कर्मचारियों को यह सुविधा मुफ्त में दे रही हैं।
चिप का सबसे खास फीचर यह है कि यह तभी काम करता है, जब आसपास खड़ा कोई व्यक्ति कुछ इंच की दूरी पर हो। इस वजह से डिवाइस का इस्तेमाल करने वालों को हैकर्स से कोई खतरा नहीं है।
इसमें जीपीएस ट्रैकर नहीं है। यानी इसे लगाने वाला कहां जाता है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं मिल सकती। एक डिवाइस को किसी दूसरे डिवाइस से कनेक्ट करके किसी और की जानकारी नहीं निकाली जा सकती।
हालांकि, कई लोगों ने इस पर चिंता भी जताई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में कंपनियां इसमें जीपीएस लगाकर कर्मचारियों पर नजर रखने का काम कर सकती हैं। इस तरह इंसान के शरीर के अंदर मशीन लगाए जाने के बुरे नतीजे भी हो सकते हैं, वर्ना कंपनियां कर्मचारियों को यह सुविधा मुफ्त में क्यों मुहैया कराएगी?