नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | कंजर्वेटिव पार्टी के करीब 200 सांसदों के समर्थन से भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया है। बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले और नए प्रधानमंत्री बनेंगे। जहां एक ओर पूरे देश में दिवाली की धूम है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय प्रांत के लोग विदेश में भी अपना परचम लहरा रहे हैं। बता दें कि आज 200 सांसदों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद ऋषि सुनक आने वाले 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। जिसके बाद 29 अक्टूबर को कैबिनेट का ऐलान किया जाएगा।
कंजर्वेटिव सांसद और पेनी मॉरडॉन्ट के समर्थक जॉर्ज फ्रीमेन ने स्थानीय मीडिया से बातचीत कर इस बात का खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि, “पेनी के पास 100 सांसदों का समर्थन नहीं है। अगर वो इसे जुटा भी लेती हैं तो अगले चरण में मुश्किल होगी। लिहाजा, पेनी के सभी समर्थक उन्हें यही सलाह दे रहे हैं कि वो सम्मान से नाम वापस ले लें। इससे पार्टी में भी अच्छा संदेश जाएगा और हम अगला चुनाव ताकत से लड़ सकेंगे।” वहीं, इस फैसले के बाद ऋषि सुनक का कहना है कि, “बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्सिट और वैक्सीन रोल-आउट जैसे अहम फैसले लिए। उन्होंने सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने में देश की मदद की। हम उनके आभारी रहेंगे। उन्होंने फिर से पीएम चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि वो देश के लिए योगदान जारी रखेंगे।”
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बता दें कि ब्रिटेन में इससे पहले लिज ट्रस प्रधानमंत्री थीं लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें आखिरकार 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफे का ऐलान करना पड़ा। जिसके बाद वो मीडिया से रुबरु होते हुए कहा कि, मैं जिन वादों के साथ सत्ता में आई थी, उन्हें पूरा नहीं कर सकी। इसका अफसोस है। वहीं, ऋषि सुनक के विपरित इस पद के लिए पेनी मॉरडॉन्ट ने चुनौती दी थी लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
दरअसल, ऋषि सुनक के माता-पिता पंजाब के रहने वाले थे जो कि काम करने के दौरान अपने परिवार के साथ जाकर ब्रिटेन में बस गए। जहां उनके माता-पिता ने हैंपशायर में ऋषि को जन्म दिया। बता दें कि ऋषि शुरू से ही पढ़ाई में तेज रहे। साथ ही, उन्हें बचपन से ही राजनीति में अभिरुची थी। जिसके कारण उन्होंने अपनी MBA की डिग्री अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली। इस दौरान उन्होंने राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। जहां से उन्हें अच्छी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ। जिसके बाद वो लाइफ में इसी रुची को जारी रखते हुए आगे बढ़ते गए। ऋषि भारतीय सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
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