मंडला में चाट और गोलगप्पे पर प्रशासन ने लगाया बैन, ये है वजह

मंडला, डेस्क रिपोर्ट। गोलगप्पे, फुल्की, चाट, पानी बताशे, पुचका…नाम भले कुछ भी हो लेकिन जब भी इनका जिक्र आता है तो मुंह में पानी भर जाता है। गोलगप्पे भला किसे पसंद नहीं होंगे। खासकर त्यौहार वगैरह पर तो ऐसी चटपटी चीज़ें और भाती है। लेकिन मंडला में प्रशासन ने गोलगप्पे खाने पर रोक लगा दी है।

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मंडला जिले से लेकर चिरईडोंगरी क्षेत्र तक में गोलगप्पे बेचने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। दरअसल गोलगप्पे खाने के बाद पिछले दो दिन में 115 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए जिसके बाद प्रशासन ने ये कदम उठाया है। सिर्फ गोलगप्पे बनाने और बेचने पर ही नहीं बल्कि इसकी सामग्री बेचने पर भी रोक लगाई गई है। बता दें कि चिरईडोंगरी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में गोलगप्पे फूड प्वाइजनिंग के मरीजों के अस्पताल आने का सिलसिला शुरू हुआ और ये सिलसिला रविवार दोपहर तर जारी रहा। बीमारों का आंकड़ा सौ पार होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। मामले की जांच के बाद पता चला कि गोलगप्पे खाने के बाद ये बीमारी फैली है और इसके बाद उसपर बैन लगा दिया गया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।