दुनियाभर के लोगों में फ्लाइट का नाम सुनते ही चेहरे पर स्माइल आ जाती है। अमूमन इसमें सफ़र करना हर किसी का सपना होता है। हालांकि यह बहुत ही महंगा संसाधन है, लेकिन इसमें सफ़र करने से कई हजार किलोमीटर की दूरी भी कुछ घंटे में पूरी हो जाती है। समय की बचत के साथ-साथ फ्लाइट इंटरनेशनल नेटवर्क को मजबूत कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसमें सफ़र से करीब 3 से 4 घंटे पहले एयरपोर्ट जाना पड़ता है क्योंकि चेकिंग से लेकर टिकट लेने तक की प्रक्रिया काफी लंबी होती है। यात्री लेट न हो और उनकी फ्लाइट मिस न हो इसलिए उन्हें इतनी देर पहले बोर्डिंग करनी पड़ती है।
पिछले के आर्टिकल में हम आपको विश्व भर के एयरपोर्ट से रूबरू करवा चुके हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग खासियत है। आज हम आपको दुनिया की सबसे छोटी हवाई यात्रा के बारे में बताएंगे।

सबसे छोटी हवाई यात्रा
दुनिया में एक ऐसा फ्लाइट टूर है, जिसमें टेक ऑफ के कुछ सेकंड में ही फ्लाइट लैंड कर लेती है। यह सुनने में बहुत ही अटपटा सा है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह मात्र कुछ ही सेकंड में अपने गंतव्य तक पहुंच जाती है। यह कोई आम उड़ान नहीं है, बल्कि गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी इसका नाम दुनिया की सबसे छोटी कमर्शियल फ्लाइट के रूप में दर्ज किया गया है।
दूरी मात्र 2.7 किमी
दरअसल दुनिया की सबसे छोटी हवाई यात्रा स्कॉटलैंड की ऑर्किनी द्वीप समूह में स्थित वेस्ट्रे और पापा वेस्ट्रे दीपों के बीच की उड़ान है, जिसकी दूरी मात्र 2.7 किमी है। इसे पूरा करने में फ्लाइट को करीब 80 सेकंड लगते हैं। यदि हवा की दशा अनुकूल रही तो यह 53 सेकंड में ही पूरा हो जाता है। सिर्फ डेढ़ मिनट से भी कम में लोग अपनी यात्रा पूरी कर लेते हैं। 3 किलोमीटर से भी कम की दूरी तय करने के लिए लोगों को हवाई जहाज का इस्तेमाल इसलिए करना पड़ता है क्योंकि इन दोनों दीपों के बीच ना ही कोई सड़क है और ना ही कोई पुल बना हुआ है। समुद्र के दोनों छोर पर बसे इन द्वीपों को नाव से पार करना बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में उन्हें फ्लाइट का सहारा लेना पड़ता है।
10 लोग कर सकते हैं यात्रा
इस यात्रा के लिए छोटे Britten-Norman BN2B-26 Islander विमान का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें अधिकतम 10 यात्री बैठ सकते हैं। यह विमान दुनिया भर के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। लोग सेकंड में दूरी तय करने वाली इस फ्लाइट में अनोखा अनुभव प्राप्त करने के लिए दूर-दराज से पहुंचते हैं।