कौन हैं साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल और क्या है मार्शल लॉ? जानिए लक्जरी हैंडबैग कांड से लेकर इस विरोध प्रदर्शन तक की पूरी जानकारी

साउथ कोरिया में बीती रात को बड़ा घमासान देखने को मिला। दरअसल साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का बड़ा आदेश दे दिया। हालांकि अब 6 घंटे बाद ही इस फैसले को पलट दिया गया है और मार्शल लॉ को हटा दिया गया है।

Rishabh Namdev
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कौन हैं राष्ट्रपति यून सुक योल और क्या है मार्शल लॉ? जानिए लक्जरी हैंडबैग कांड से लेकर इस विरोध प्रदर्शन तक की पूरी जानकारी

साउथ कोरिया में बीते दिन बड़ा घमासान देखने को मिला। दरअसल राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश दे दिया। जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। हालांकि अब 6 घंटे बाद ही martial law को खत्म कर दिया गया है। दरअसल मार्शल लॉ के इस फैसले को साउथ कोरिया की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से पलट दिया। जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ को हटा दिया गया। लेकिन इन 6 घंटों में देश में बड़ा घमासान देखने को मिला। जिसके बाद सभी के मन में यह सवाल उठने लगा कि आखिर साउथ कोरिया का यह मार्शल लॉ क्या है? और कौन है राष्ट्रपति यून सुक योल और किन कारणों से साउथ कोरिया में इतना बवाल देखने को मिल रहा है।

लेकिन सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि राष्ट्रपति यून सुक योल को मार्शल लॉ को लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। चुनाव के दौरान सत्ताधारी पार्टी पीपल पावर को इन 300 सीटों में से मात्र 108 सीटें ही मिली। जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिली। का सीटें होने के कारण सत्ताधारी पार्टी और राष्ट्रपति सरकार कामकाज ठीक से नहीं कर पा रही थी। दरअसल विपक्षी पार्टी द्वारा इसमें बार-बार दखलअंदाजी की जा रही थी। इस दखलअंदाजी से निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। जिसके चलते देश में इसका विरोध होने लगा।

क्या है मार्शल लॉ? इसमें क्या-क्या है प्रतिबंध?

अब समझते हैं आखिर मार्शल लॉ होता क्या है? दरअसल मार्शल लॉ एक अस्थाई आपातकाल है। इस लॉ को देश में संकट आने के समय में लगाया जाता है या जब देश की सुरक्षा पर खतरा मंडराता है। राष्ट्रपति द्वारा इसे लगाया जाता है। इस लॉ के अंतर्गत सामान्य नागरिक कार्यों के साथ-साथ राज्य की सुरक्षा को भी सैन्य द्वारा नियंत्रित किया जाता है। दरअसल दक्षिण कोरिया में लगाए गए मार्शल लॉ में सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लग चुका था। इसके साथ ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता था। ना ही सार्वजनिक समारोह में शामिल हो सकते थे। इसके अलावा मार्शल लॉ में सभी मीडिया और प्रशासन भी सेवा के नियंत्रण में थे। राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए इस मार्शलों में दक्षिण कोरिया में हड़ताल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इतना ही नहीं मार्शल लॉ में यात्रा पर प्रतिबंध, देश के भीतर आवाजाही को नियंत्रित, गलत सूचना पर नकेल कसना, राज्य विरोधी गतिविधियों पर प्रतिक्रिया और मार्शल लॉ के नियमों का उल्लंघन करने पर बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता था।

क्या है प्रथम महिला किम किन से जुड़ा मामला?

वहीं अब सवाल उठता है कि दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ इतना विरोध देखने को क्यों मिल रहा है। दरअसल मामला प्रथम महिला किम किन से जुड़ा हुआ है। प्रथम महिला किम किन पर एक बड़ा आरोप लगा हुआ है। दरअसल उन पर आरोप है कि उन्होंने 2022 में अमेरिका में रहने वाले चोई जंग से उपहार में 2250 डॉलर की कीमत का एक आलीशान क्रिश्चियन डायर हैंडबैग लिया था। वही चोई ने इसे स्टिंग ऑपरेशन बताते हुए गुप्त रूप से रिकॉर्ड किया था। इसके बाद यह जानकारी सभी के सामने आ गई थी। चोई द्वारा आरोप लगाया गया की टीम को पिछली मुलाकात में उन्होंने परफ्यूम और स्किन केयर उत्पाद सहित कई कीमती वस्तुएं उपहार में दी है। बता दें कि दक्षिण कोरिया के कानून के हिसाब से राष्ट्रपति और उनके जीवनसाथी कभी भी कोई उपहार स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इसके बाद इस मामले को लेकर सत्ताधारी पार्टी के नेता भी इससे नाराज नजर आए। जबकि विपक्ष द्वारा मांग की जाने लगी कि राष्ट्रपति को इस मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगना चाहिए न सिर्फ विपक्ष द्वारा बल्कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी इस मामले में माफी मांगने के लिए राष्ट्रपति से मांग की।

कौन है राष्ट्रपति यून सुक योल?

दरअसल राष्ट्रपति यून सुक योल कि उम्र 63 वर्ष है। उन्होंने 26 साल के वकिलात के शानदार करियर के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने अपनी शिक्षा सियाल नेशनल यूनिवर्सिटी से पूरी की। उन्होंने राजनीति में कम अनुभव के बावजूद भी देश के राष्ट्रपति पद को हासिल करने में कामयाबी हासिल की। बता दें कि इससे पहले 2019 में उन्हें सुप्रीम प्रॉसिक्यूटर्स ऑफ़िस का अभियोजक जनरल नियुक्त भी किया गया था। हालांकि उन्हें कानून की पूरी जानकारी थी लेकिन राजनीति में इतना अनुभव नहीं था। 2022 में लग्जरी हैंडबैग कांड के चलते यून सुक योल चर्चा में आए। इसके बाद उन्हें लेकर बड़ा विरोध देखने को मिला। वही एक बार फिर अब मार्शल लॉ लगाने के चलते यून सुक योल चर्चा का विषय बन गए हैं। बता दें कि दक्षिण कोरिया के संविधान के मुताबिक मार्शल लॉ केवल युद्ध सशक्त संघर्ष या सार्वजनिक सुरक्षा को देखकर ही लगाया जा सकता है। लेकिन राजनीतिक कारणों से लगाने के चलते यून सुक योल अब सवालों के घेरे में आ गए हैं।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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