भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू मान्यताओं के अनुसार एकादशी का बहुत खास महत्व होता है। प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी मनाई जाती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) बहुत ही खास माना जाता है। इस साल 20 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार एकादशी पर पांच शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें अमृत सिद्धि योग, स्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग और द्विपुष्कर योग शामिल है। पांच शुभ संयोग के कारण इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत बहुत ही ज्यादा लाभकारी होगा। विधि अनुसार पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा भक्तों पर पड़ेगी।
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शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 19 नवंबर सुबह 10:28 बजे से शुरू होकर 20 नवंबर सुबह 10:40 बजे समाप्त हो रही है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत 20 नवंबर को रखा जाएगा। पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 8:06 बजे से लेकर दोपहर 12:08 बजे तक रहेगा। पारण का शुभ मुहूर्त 21 नवंबर सुबह 6:40 बजे से लेकर सुबह 8:49 बजे तक है।
पूजा की विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और साफ-सुथरे कपड़े पहने। फिर घर के मंदिर में दीपक जलाए और भगवान विष्णु का अभिषेक गंगाजल से करें। तुलसी दल और फूलों को नारायण को अर्पित करें और उसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें। इस दिन सात्विक चीजों का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान माता लक्ष्मी की पूजा करना जरूर करें।
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