हेल्थ: कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शासन प्रशासन कोशिशों में जुटे हुए हैं| लेकिन इस महामारी से बचने के लिए हर एक व्यक्ति को स्वयं जागरूक होकर पूरी सावधानियां बरतनी होगी| देखने में आया है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उन लोगों की मौत अधिक हो रही है जो पहले से किसी न किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे| इसके साथ ही बड़ा कारण मरीजों का लेट रिपोर्ट करना पाया गया है| घर पर ही कई लोग बीमारी से परेशान रहे और डॉक्टर के पास देर से पहुंचे| जिसके चलते इस महामारी से उन्हें बचाया नहीं जा सका| देश के विख्यात ईएनटी एक्सपर्ट डा.एसपी दुबे ने बताया कि कोरोना काल में चार मेडिकल इक्विपमेंट घर में होना चाहिए और संदेह होने पर समय पर हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए| जिससे कोरोना के खिलाफ जंग आसान हो|
पल्स ऑक्सीमीटर
डा.एसपी दुबे ने बताया कि ऐसी स्थिति में चार मेडिकल इक्विप्मेंट घर पर जरूर रखें, जिससे आप सजग रहे| देश में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, सरकार हर घर तक पहुंचे ऐसा संभव नहीं है| सबसे पहला और महत्वपूर्ण उपकरण है ‘पल्स ऑक्सीमीटर’| यह एक तरह का टेस्ट होता है। इस डिवाइस में अपनी उंगली रखनी होती है जिसके बाद रीडिंग आती है। इस टेस्ट में रोगी को किसी प्रकार का दर्द नहीं होता। यह डिवाइस आपके खून में ऑक्सीजन के स्तर को मापने के काम आती है।
इंफ्रारेड थर्मोमीटर
इंफ्रारेड थर्मामीटर के जरिए शरीर का तापमान नापा जाता है| इसे ‘थर्मामीटर गन’ और ‘थर्मल गन’ के नाम से भी जाना जाता है| इन्फ्रारेड थर्मामीटर इन्फ्रारेड सेंसर का इस्तेमाल कर काम करता है| सेंसर त्वचा को छूए बिना दूर से सतह के तापमान को मापता है| तापमान को मापने के लिए एक बेसिक मॉडल इस्तेमाल किया जाता है जिसमें माथे पर पॉइंट कर तापमान चेक किया जाता है|
ग्लूकोमीटर
ग्लूकोमीटर ख़ून में ग्लूकोज़ की मात्रा को मापने का यंत्र है| इसके ज़रिए मधुमेह यानी डायबिटीज़ से प्राभावित लोग अपने शरीर में ब्लड शुगर के लेवल पर नज़र रखते हैं| शरीर में बहुत ज़्यादा या बहुत कम शुगर की मात्रा घातक हो सकती है. लिहाज़ा, इसकी नियमित जांच करते रहना डायबटीज़ के दौरान अहम हो जाता है| क्यूंकि डायबिटीज़ के अंदर अगर कोरोना होता है तो रिस्क बढ़ जाता है|
डिजिटल बीपी अपार्टस
डा.एसपी दुबे के मुताबिक जिनको ब्लड परेसुरे की बीमारी है, साथ में डायबिटीज़ भी ऐसे लोगों को घर में डिजिटल बीपी आपार्टस रखें| बीपी की जांच जरूर करें| अगर बीपी कम होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें|