मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहेंगे पक्षी, पूरी सुख सुविधा वाला है अपार्टमेंट

Atul Saxena
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बीकानेर, डेस्क रिपोर्ट। बदलती जीवनशैली और बढ़ती आबादी ने देश में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग (Multi Story Building) का जंगल खड़ा कर दिया है। लाखों लोग अब मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में अपना घर बना रहे हैं। लोग अब टू बीएचके, थ्री बीएचके फ़्लैट या डुप्लेक्स में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं लेकिन हम यहाँ आपको एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के बारे में बता रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे।

कम जगह में अधिक आबादी को रखने के आइडिया ने सबसे ज्यादा नुकसान उन बेजुबान पक्षियों (Birds) को पहुंचाया जिनके घरोंदे ख़त्म कर दिए गए। बड़े बड़े पेड़ों को काटकर वहां अपार्टमेंट बना दिए गए और पक्षियों को बेघर कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि पक्षियों की बहुत से प्रजातियां ख़त्म हो रही हैं। लेकिन कुछ लोग अब पक्षियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए आगे आये हैं। और उन्होंने पक्षियों के लिए सर्व सुविधायुक्त एक अपार्टमेंट (Birds Apartment) ही बना दिया है।

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जी हां, सही समझा आपने , पक्षियों के लिए अपार्टमेंट। ये अपार्टमेंट है राजस्थान के बीकानेर जिले में।  इसकी तस्वीर और जानकारी छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 के IAS अधिकारी अवनीश शरण (IAS Awanish Sharan) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल पर शेयर की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 11 मंजिल के इस अपार्टमेंट को बीकानेर (Bikaner Birds Apartment) जिले श्रीडूंगरगढ़ के तोलियासर गांव में कुछ लोगों ने मिलकर बनाया है। इस अपार्टमेंट में  1100 पक्षी रह सकते हैं, इसपर पांच लाख रुपये का खर्च आया है। एक गुम्बद  (टावर) के आकार वाले इस अपार्टमेंट में छोटे छोटे घरोंदे बनाये हैं जिसमें पक्षी अपना घोंसला बना सकता है। मंदिर परिसर में बने इस अपार्टमेंट में पक्षियों (Rajasthan Birds Apartment)  के खाने पीने की पूरी व्यवस्था है, नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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