मणिपुर,डेस्क रिपोर्ट। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस बात को साबित कर दिखाया है मणिपुर (manipur) के एक नौ साल के लड़के ने। नौ साल का कुणाल श्रेष्ठ (Kunal Shrestha) एक पैर से दिव्यांग (Handicaped) है, लेकिन उसका जज्बा देखने लायक है। कुणाल (kunal) का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो फुटबॉल खेलता नजर आ रहा है।
कुणाल श्रेष्ठ (Kunal Shrestha) मणिपुर के इम्फाल (imphal) का रहना वाला है, जो कक्षा 4 का छात्र है। कुणाल की खास बात ये है कि वो सभी बाधाओं को तोड़ कर अपने जीवन को नई दिशा दे रहा है। कुणाल सिर्फ एक पैर के साथ पैदा हुआ था बावजूद इसके कुणाल सभी शारीरिक गतिविधियां (physical activities) करता है। कुणाल के वायरल हुए वीडियो में वो अपने दोस्तों के साथ बैसाखी के सहारे फुलबॉल खेलता नजर आ रहा है।
वहीं मीडिया से बात करते हुए कुणाल की मां कहती है कि उन्होंने कुणाल को कभी अपने दोस्तों से अलग महसूस नहीं होने दिया और उसे हमेशा प्रोत्साहित किया है। साथ ही उसको वो सभी काम करने के लिए आगे बढ़ाया जो उसके उम्र के बच्चे करते है। उनका कहना है कि हमने कुणाल को कभी भी कम सम्मानित महसूस नहीं होने दिया।
#WATCH: Kunal Shrestha, a Class 4 student from Imphal plays football with a single limb. #Manipur
"My son was born without a limb. I vowed to never let him feel different from his peers. He never exhibited low esteem. He learned to ride a bicycle on his own", says Kunal’s mother pic.twitter.com/NTzyOWhX4e
— ANI (@ANI) November 10, 2020
कुणाल की मां कहती है कि वो साइकिल चलाना भी जानता हैं, जो उसने खुद सीखा है। आगे कुणाल की मां ने कहा कि जब वह पैदा हुआ था तो वह एक भावनात्मक दौर से गुज़री थी क्योंकि जहां एक ओर उन्हें मां बनने की खुशी थी वहीं दूसरी ओर कुणाल की शारीरिक विकलांगता के कारण वे दुखी थी। कुणाल की मां कहती है कि मैंने कसम खाई थी कि कभी कुणाल को अपने साथियों से अलग महसूस नहीं होने दूंगी।
बता दें कि कुणाल, बेंगलुरु एफसी के खिलाड़ी अजय छेत्री (Bengaluru FC player Ajay Chhetri) के बहुत बड़े प्रशंसक (Fan) हैं। कुणाल कहते है कि पहले एक पैर से फुटबॉल खेलने में उन्हें डर लगता था लेकिन फिर उन्होंने आत्मविश्वास हासिल किया और खेलना शुरु कर दिया। कुणाल का कहना है कि उन्हें अपने दोस्तों का काफी समर्थन मिलता है। उनका सपना है कि वो एक दिन गोल करें। कुणाल की विकलांगता उन्हें कोई भी काम करने से नहीं रोक सकी जो लोग नियमित तौर पर करते है। कुणाल अपनी मां का हाथ भी बटाते है। कुणाल अपनी मां के व्यवसाय के लिए पॉप्सिकल्स और पानी-पुरी तैयार करने में उनकी मदद भी करते है।
वहीं नेटिज़न्स 9 साल के इस बच्चे की तारीफ करते नहीं थक रहे। लोगों के ट्विटर पर रियेक्शन
https://twitter.com/shubham_jain999/status/1326134094393090048
@Cristiano he is inspiration for every football lover #WATCH: Kunal Shrestha, a Class 4 student from Imphal plays football with a single limb. #Manipur
"My son was born without a limb. I vowed to never let him feel different from his peers.pic.twitter.com/h5IIwRLh0e— Dinesh kr (@Krdines) November 10, 2020