रेलवे ट्रैक की चोरी है नामुमकिन, जानें इसकी वजह

इससे पहले लोग अपनी सीट बुक कर लेते हैं, ताकि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। इसमें आपको सीट नंबर, कोच नंबर, डेट ऑफ़ जर्नी, सहित अन्य तमाम जानकारी दी जाती है।

Sanjucta Pandit
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Indian Railways : इंडियन रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह भारत के लोगों को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने का काम करते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक दिन में पूरे देशभर से करीब 1300 ट्रेनों का संचालन होता है। लोग ट्रेन में सफर करने से पहले तरह-तरह की तैयारी कर लेते हैं। जैसे बैग पैकिंग या फिर खाने की पैकिंग। हालांकि, इससे पहले लोग अपनी सीट बुक कर लेते हैं, ताकि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। इसमें आपको सीट नंबर, कोच नंबर, डेट ऑफ़ जर्नी, सहित अन्य तमाम जानकारी दी जाती है।

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मन में उठते हैं ये सवाल

जब ट्रेन में सफर की शुरुआत होती है, तो आपको तरह-तरह के लोग मिलेंगे। तरह-तरह की चीजें देखने को मिलेंगे। इस दौरान आप बहुत से राज्यों की खूबसूरती को अपनी आंखों से निहार सकते हैं। हालांकि, इस दौरान आपके मन में बहुत सारी बातें चल सकती है। जैसे रेलवे का विस्तार किसने किया है, रेलवे ट्रैक कैसे बनाया जाता है, ट्रेन एक पटरी से दूसरी पटरी पर किस तरह जाती है या फिर कितने समय अंतराल में एक पटरी पर 2 ट्रेनें एक साथ चलती है, सिग्नल कैसे काम करता है, ड्राइवर को कौन ऑपरेट करता है, इत्यादि। ऐसी तमाम तरह के सवाल मन में हलचल पैदा करती है। वहीं, कई बार आपने यह भी सोचा होगा कि सारी चीजों की चोरी संभव है, लेकिन कभी अपने समाचार में यह नहीं सुना होगा कि रेलवे ट्रैक का लोहा कभी किसी ने चुराया हो। इसके पीछे क्या वजह है यह जानना काफी दिलचस्प भरा है।

रेलवे ट्रैक की चोरी क्यों है नामुमकिन?

भारत का रेलवे ट्रैक लाखों करोड़ों किलोमीटर तक बिछा हुआ है। यह एकमात्र ऐसी चीज है, जिसे चोर या डकैत द्वारा चोरी नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे एक बड़ी वजह है। सबसे पहली वजह तो यह है कि रेलवे की पटरिया स्लिपर्स की मदद से बहुत सुरक्षित तरीके से बांधे जाते हैं, जिसे खोलना एकदम आसान काम नहीं होता है और यह मिश्र धातु की बनी होती है, जिसे किसी भी चीज से काटना पॉसिबल नहीं होता है।

इसके अलावा, दूसरी वजह यह है कि रेलवे ट्रैक का लोहा आप कहीं भी बेचे जाएंगे, तो इसे कोई खरीदना नहीं चाहता है क्योंकि अगर इसके बारे में किसी को भी भनक लग गई, तो उसे जेल हो सकती है। इसके साथ ही उस पर जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए चोर या डकैत द्वारा कभी भी रेलवे ट्रैक नहीं चुराया जाता।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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