ताली बजते ही बाहर आ जाता है इस अनोखे कुंड का पानी, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके रहस्य

Sanjucta Pandit
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Dalahi Kund : हमारे देश में एक से बढ़कर एक चमत्कारी चीजें/ कुंड हैं, जिसका रहस्य सुलझाने के लिए वैज्ञानिक सालों से जूटे हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही रहस्यमयी कुंड के हारे में बताने जा रहे हैं जो ताली बजते ही उसका पानी कुंड के बाहर आ जाता है। जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने क्योंकि हम बात कर रहे हैं दलाही कुंड की। यह रहस्य बहुत ही रोचक है और यहां के पर्यटन स्थलों में से एक है। इस जगह को देखने के लिए अधिकतर लोग बारिश के मौसम में जाते हैं। आइए जानें विस्तार से यहां…

ताली बजते ही बाहर आ जाता है इस अनोखे कुंड का पानी, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके रहस्य

प्राचीन तलाब

बता दें कि दलाही कुंड झारखंड में स्थित एक प्राचीन तलाब है। इस तलाब के चारों ओर चट्टानों की एक भव्य श्रृंखला है जिसे ‘दलाही झरना’ भी कहा जाता है। यहां का रहस्य यह है कि यह तलाब तब तक आधा भरा रहता है, जब तक इसमें कोई हलचल नहीं होती है लेकिन जैसे ही कोई हलचल होती है तो तलाब का पानी उठता है और शीघ्र ही पूरी तलाब चारा से भर जाती है। दलाही कुंड के पानी को खारा भी माना जाता है। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में प्रतिध्वनि के कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है और यह एक अद्भुत दृश्य होता है।

कुंड का रहस्य

दलाही कुंड का पानी ताली बजाने पर बाहर आ जाता है। इसका कारण है कि जब कोई व्यक्ति ताली बजाता है तो उससे उत्पन्न ध्वनि की तरंगें तलाब के पानी में विस्तार होती हैं। इसके बाद, तलाब के नीचे बौने अणु तलाब के पानी से जुड़े होते हैं जो ध्वनि की तरंगों के कारण उत्तेजित हो जाते हैं। इससे यह पानी बाहर उठता है और लगभग 1 मिटर ऊपर तक उठ जाता है। दलाही कुंड से निकलता हुआ पानी ठंडा होता है। इसका कारण यह है कि दलाही कुंड का पानी अपनी गहराई के कारण सामान्य साठ-सत्तर फीट से भी अधिक तक जाकर तट पर पहुंचता है। जब तलाब के अधिक गहरे भागों से पानी तट पर निकलता है तो वह पानी बहुत ठंडा हो जाता है। इस तरह का प्रकृति का विज्ञानिक नाम “अंद्रकरण” है, जिसमें ऊंचाई से गिरते हुए पानी के कारण उसका तापमान घटता है।

पर्यटक का आकर्षण का केंद्र

यह झील अपने पानी के ठंडापन और पानी की शुद्धता के लिए जानी जाती है। दलाही कुंड के चारों तरफ कई प्रकार के प्राकृतिक वन्य जानवर भी पाए जाते हैं। यहां पर वन्यजीवों में बाघ, चीता, जंगली सुअर, हरिण, जंगली बैल और भालू आदि शामिल हैं। यह जगह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसे देखने के लिए हर साल बहुत से लोग आते हैं। दलाही कुंड अपनी सुंदर वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है।

इन माध्यमों से पहुंचे यहां…

वाहन से: दलाही कुंड को वाहन के माध्यम से पहुंचना सबसे सुविधाजनक होता है। झारखंड राज्य के विभिन्न शहरों से दलाही कुंड के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। गिरिडीह रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस के माध्यम से दलाही कुंड तक पहुंच सकते हैं।

पैदल यात्रा: दलाही कुंड अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है और आप इसे खूबसूरत पैदल यात्रा के द्वारा भी देख सकते हैं। यह एक संभवतः आदर्श तरीका है अगर आपको आरामदायक महसूस करना हो और प्रकृति का आनंद लेना हो।

मोटरसाइकिल: दलाही कुंड को मोटरसाइकिल से भी पहुंचा जा सकता है। आपको अपनी खुद की मोटरसाइकिल ले जाना पड़ेगा या आप झारखंड में किराए पर मोटरसाइकिल भी ले सकते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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