Baby Eyes Care: क्या सच में काजल से बच्चों की आंखें बड़ी होती हैं? जानिए ये सच है या मिथक

Baby Eyes Care: बच्चों की आंखों में काजल लगाने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है। यह न केवल एक सांस्कृतिक परंपरा है, बल्कि नजर दोष से बचाने के लिए भी माना जाता है। लेकिन क्या काजल सचमुच फायदेमंद है? इसके नकारात्मक प्रभाव क्या हो सकते हैं?

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Baby Eyes Care: भारत में अधिकांश लोगों के घर में छोटे बच्चों को काजल जरूर लगाया जाता है। बच्चों को काजल लगाने के पीछे लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोग इसे नजर दोष से बचने का कारण समझते हैं तो वहीं कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाने से उनकी आंखें बड़ी हो जाती है? तो क्या यह सच है क्या सच में ही आंखों में काजल लगाने से आंखें बड़ी हो जाती है। आपने अक्सर अपने घर में या अपने आसपास छोटे बच्चों को मोटा-मोटा काजल लगा हुआ जरूर देखा होगा, आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि काजल लगाने से बच्चों की आंखें बड़ी होती है यह वाकई सच है या फिर एक मिथक है तो चलिए विस्तार से समझते हैं।

आंखों में काजल लगाने से क्या होता है

हमारी आंखों के लिए आंसू अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। लेक्रिमल ग्रंथि से निकलने वाले ये आंसू आंखों को नम रखते हैं, गंदगी और धूल से बचाते हैं, और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। लेकिन क्या काजल आंखों के लिए फायदेमंद है? डॉक्टर बताते हैं की काजल लगाने से आंसू की नली जाम हो सकती है। यह नाक से जुड़ी होती है और आंसुओं को नाक तक पहुंचाती है। जब काजल नली में प्रवेश करता है, तो यह जाम हो सकती है, जिससे आंसू नाक तक नहीं पहुंच पाते हैं और आंखें सूखी हो सकती हैं। सूखी आंखें जलन, लालिमा, खुजली, दर्द और संक्रमण का कारण बन सकती हैं। गंभीर मामलों में, दृष्टि हानि भी हो सकती है। इसलिए, बच्चों की आंखों में काजल लगाने से बचना सबसे अच्छा है। यदि आप काजल का उपयोग करना चाहते हैं, तो प्राकृतिक सामग्री से बने हल्के काजल का चयन करें और इसे आंखों की रेखा से दूर लगाएं। आंखों को बार-बार धोने और साफ हाथों से आंखों को छूने से भी संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी।

आंखों में इन्फेक्शन का डर

काजल आंखों के लिए संक्रमण का एक स्रोत हो सकता है, खासकर बच्चों की आंखों के लिए। इसके कई कारण हैं, काजल चिकना होता है, जिसके कारण धूल और मिट्टी आसानी से चिपक सकते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस के लिए पनपने का अनुकूल वातावरण बनाता है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। कुछ काजल में रसायन होते हैं जो आंखों को परेशान कर सकते हैं और एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए काजल को साझा किया जाता है, तो संक्रमण आसानी से फैल सकता है। यदि काजल को अस्वच्छ तरीके से बनाया या संग्रहीत किया जाता है, तो यह बैक्टीरिया और वायरस से दूषित हो सकता है।

क्या सच में काजल से आंखें बड़ी हो जाती हैं

बच्चों की आंखें काजल लगाने से बड़ी नहीं होती हैं। यह एक मिथक है जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। आंखों का आकार वंशानुगत (जीन) द्वारा निर्धारित होता है, और काजल लगाने से जीन में कोई बदलाव नहीं होता है। कई डॉक्टर सोशल मीडिया पर बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित टिप्स शेयर करते हैं, हमे इस टिप्स पर ध्यान देना चाहिए।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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