फ्यूचर बनाने की रेस में सेहत का नुकसान कर रहे Young Adults? जानिए सेहत से जुड़ी बातें

पहली जॉब का क्रेज हर Young Adults के लिए खास होता है. नई जिम्मेदारियां, करियर बनाने का जोश और सफलता की चाह उन्हें दिन-रात मेहनत करने पर मजबूर कर देती है. लेकिन इस एक्साइटमेंट में वे अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं.

Bhawna Choubey
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पहली जॉब शुरू करना युवाओं (Young Adult) में ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है लेकिन इसके साथ ही उनकी हेल्थ पर भी भारी असर पड़ सकता है.

आजकल जैसा कि देखा जाता है कि युवा जब अपनी पहली जॉब कर रहे होते हैं , तब वे काम के सिलसिले में इतने ज़्यादा फँस जाते हैं कि वे अपनी हेल्थ का ध्यान नहीं रख पाते हैं.

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फ्यूचर बनाने की रेस में सेहत का नुकसान कर रहे Young Adults?

ऐसा ही कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक स्टडी में पाया गया है कि जब यंग एडल्ट जॉब ज्वाइन करते हैं, तो शुरुआत में उनकी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ती है. लेकिन फिर देखा जाता है कि धीरे धीरे घटने लगती है. काम चाहे शारीरिक हो या मानसिक, युवा अपने कामों के चलते ख़ुद का ख्याल रखना भूल जाते हैं.

वर्क फ्रॉम होम: सेहत के लिए बना चुनौती (Young Adult)

घर से काम करने वाले लोगों में शारीरिक गतिविधि की कमी एक गहरा चिंता का विषय बन चुकी है. घर से काम करने वाले युवा, न तो कभी समय पर खाते है न ही सोते और उठते हैं, केवल एक कुर्सी या फिर बिस्तर में बैठे बैठे ही दिन भर का अपना काम करते हैं.

हालाँकि, देखा जाए तो सोने के समय में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है लेकिन शारीरिक गतिविधि में कमी निश्चित रूप से आ चुकी है. क्योंकि जब घर से काम करना होता है तो बाहर निकलने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती है, यही कारण है कि युवा के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है फिर चाहे वह शारीरिक हो या फिर मानसिक.

स्वस्थ जीवन जीने के लिए ख़ुद को फ़िट रखना बहुत ज़रूरी है. फ़िट रखने का यह मतलब बिलकुल भी नहीं है , कि अगर आप मोटे हैं तो पतले होने की कोशिश करें, और अगर पतले हैं तो मोटे होने की कोशिश करें. फ़िट होने का यह यह मतलब है कि आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एकदम ठीक रहे.

वर्क फ्रॉम होम बन रहा ग़ुस्सैल स्वभाव का कारण

स्टडी में यह भी पाया गया है कि जब व्यक्ति दिन भर घर में बैठकर ही अपना ऑफ़िस का काम करता है तो वह ऑफ़िस जाकर काम कर रहे लोगों के मुक़ाबले ज़्यादा चिड़चिड़ा, उदास, ग़ुस्सैल स्वभाव का हो जाता है. ऐसे में ज़रूरी है कि अगर आप घर पर बैठकर काम कर रहे है तो आप कोई ना कोई शारीरिक गतिविधियों को ज़रूर शामिल करें.

छोटी वॉक से घटाएं तनाव और चिड़चिड़ापन

जैसे काम से पहले या फिर बाद में या लंच ब्रेक के दौरान आप एक छोटी सी वाक कर सकते हैं, आप छत पर टहल सकते हैं या घर के पास किसी पार्क में भी जा सकते हैं. इस तरह अपनी जॉब के दौरान न केवल शारीरिक रूप से फ़िट रह सकते हैं बल्कि मानसिक तनाव भी कम कर सकते हैं.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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