पेरेंट्स की ये गलतियां भाई-बहन के रिश्ते में डाल सकती है दरार? जानें क्या करें और क्या नहीं

Parenting Mistakes कभी-कभी माता-पिता की कुछ छोटी-छोटी गलतियां बच्चों के रिश्तों में बड़ी खटास डाल सकती हैं, खासकर जब बात भाई बहन के रिश्ते की हो। बच्चों का आपस में लड़ना बहुत ही आम बात होती है, लेकिन माता-पिता के द्वारा की गई कुछ गलतियों की वजह से यह लड़ाइयां नफरत में बदल सकती हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Mistakes: जब घर में एक से ज्यादा बच्चे होते हैं, तो उनके बीच छोटी-मोटी लड़ाइयां होना बेहद ही आम बात होती है। लेकिन यह लड़ाई जब तक ही अच्छी लगती है, जब तक बच्चे छोटे रहते हैं। माता-पिता के द्वारा की गई कुछ गलतियों की वजह से बच्चों का रिश्ता अपने भाई-बहनों के साथ बिगड़ जाता है। रिश्तो में कड़वाहट पैदा हो सकती है।

इसलिए माता-पिता बच्चों की आपसी लड़ाई को सही तरीके से संभालें और उनके बीच प्यार और समझदारी को बढ़ावा दें, ताकि बच्चों का रिश्ता आपस में अच्छा रहे, खासतौर पर आज हम इस आर्टिकल के जरिए समझेंगे की माता-पिता की वह कौन-कौन सी गलतियां है या फिर लापरवाहियां है जिनके कारण बच्चों के रिश्ते बिगड़ जाते हैं।

बच्चों की आपस में तुलना करना

सबसे बड़ी गलती माता-पिता की यह होती है, कि वह हमेशा अपने एक बच्चे को दूसरे बच्चे के साथ कंपेयर करते रहते हैं। अगर माता-पिता बच्चों की बार-बार इसी तरह तुलना करते रहते हैं, तो बच्चों में अपने ही भाई-बहनों के प्रति कड़वाहट पैदा हो जाती है और यही तुलना भाई बहनों के बीच लड़ाई का कारण भी बनती है, अगर आप भी अपने एक बच्चे को दूसरे बच्चे के साथ कंपेयर करते हैं, तो आज ही से इस आदत को सुधार लें।

किसी एक को ज्यादा प्यार करना

कई घरों में ऐसा होता है, की माता-पिता बड़े बच्चों को ज्यादा प्यार करते हैं या फिर छोटे बच्चों को ज्यादा प्यार करते हैं। ऐसे में माता-पिता को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि बच्चा बड़ा हो या फिर छोटा दोनों को समान रूप से ही प्यार और केयर मिलनी चाहिए।

जब बच्चों को ऐसा महसूस होता है कि उन्हें दूसरे बच्चों की तुलना में कम प्यार मिल रहा है, तो ऐसे में उनके मन में नफरत बढ़ सकती है और रिश्तों में खटास पैदा हो सकती है।

सिर्फ एक बच्चे को डांटे

कभी-कभी ऐसा होता है, कि जब बच्चे लड़ाई करते हैं तो गलती दोनों ही बच्चों की होती है। लेकिन माता-पिता या तो बड़े बच्चों को डांटते हैं, या फिर छोटे बच्चों को डांटते हैं। इस वजह से बच्चों के मन में हीन भावना पैदा हो जाती है।

माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि जो बच्चा गलती कर रहा हो, उसे ही डांटना चाहिए और अगर सभी बच्चों ने गलती की हो तो सभी को समान रूप से सजा दी जानी चाहिए।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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