सर्दियों में ज्यादा चाय पी रहे हैं तो हो जाएं सावधान, सेहत पर होगा बुरा असर

Side Effects of Tea

Side Effects of Tea: अक्सर चाय पीना लगभग हर इंसान को पसंद होता है। चाहे कोई भी मौसम हो दिन की शुरूआत चाय के साथ ही होती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में चाय काफी ज्यादा हो जाती है। लोग ठंड में गरमा गर्म चाय की चुस्की लेना पसंद करते हैं और यह शरीर को गर्म करने में भी मदद करती है। लेकिन अगर चाय का सेवन ज्यादा कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए! क्योंकि चाय सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित होती है। विशेषज्ञ के अनुसार अगर आप दिन भर में कई बार चाय पीते हैं तो यह आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। इसमें मौजूद टैनिन नामक पदार्थ आपकी शरीर में आयरन की कमी करता है। जिसके कारण कई बीमारियां हो जाती हैं। ज्यादा चाय का सेवन करने से पाचन को खराब हो जाती है। आइए जानते हैं कि ज्यादा चाय का सेवन करने से शरीर को कौन कौन सी समस्याएं घेर लेती हैं।

ज्यादा चाय पीने से शरीर को होने वाले नुकसान

  • अगर आप ज्यादा चाय का सेवन करते हैं तो आपको पेट से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। इसकी वजह से एसिडीटी, कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • चाय में मौजूद कैफीन शरीर में कई तरह की समस्याओं को पैदा करता है। इसकी वजह से अनिद्रा, थकान और कमजोरी जैसी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
  • चाय को अधिक पीने से शरीर में पानी की समस्या हो जाती है, क्योंकि इसके सेवन से ज्यादा यूरिन होती है।
  • चाय का ज्यादा सेवन करने से मुंह से दुर्गंध आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • चाय के ज्यादा सेवन करने से मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। जिसके कारण कई गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता है।
  • चाय का अधिक सेवन करने से जी मिचलाने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इससे उल्टी की पेरशानी बढ़ जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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