सावन में किस्मत चमकाएगा स्नेक प्लांट, बस इस नियम के साथ भगवान शिव के पास रख दें

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। सावन के महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) के पूजन का विशेष महत्व तो माना ही जाता है उनकी कुछ प्रिय वस्तुओं को घर में रखना या उनके पास रखना और भी शुभ माना जाता है। उनके मस्तक पर सजने वाला चंद्रमा। गले में माला की तरह डला सर्प। हाथ में धारण किया त्रिशूल, मुंड माला और नंदी उनके बहुत प्रिय हैं। इसी तरह स्नेक प्लांट को भी भगवान शिव का प्रिय माना जाता है। जो लोग सावन के महीने में अपने घर में स्नेक प्लांट (snake plant) लगाते हैं उन पर शिवजी की विशेष कृपा बरसती है। स्नेक प्लांट को शिवजी के पास रखना अतिफलदायी माना गया है।

कैसा दिखता है स्नेक प्लांट
स्नेक प्लांट की बनावट आम पौधों से अलग होती है। इसमें टहनी या तना नजर नहीं आता। इसकी जह सिर्फ पत्ते ही पत्ते होते हैं। जो अंदर की तरफ मुड़े होते हैं। जो नाग के फन जैसा दिखाई देते हैं। इसी वजह से इसे स्नेक प्लांट कहा जाता है।

क्यों लगाएं स्नेक प्लांट
स्नेक प्लांट को घर के ईशान कोण में रखना शुभ माना जाता है। इसलिए स्नेक प्लांट आमतौर पर घर के मंदिर या उसके आसपास ही रखे जाते हैं। इस कोण में रखा स्नेक प्लांट शुभ और लाभ देने वाला माना जाता है।

सावन के महीने में ही भगवान शिव के पूजन के साथ नाग पंचमी के मौके पर सर्प का पूजन शुभ माना जाता है। इसलिए शिवजी के पास स्नेक प्लांट रखने को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

याद रखें ये बातें
>> स्नेक प्लांट को साफ सफाई से लगाने और फिर उसकी देखभाल करने से सुख समृद्धि आती है। साथ ही धन की कमी कभी नहीं होती।
>> स्नेक प्लांट जहां भी लगाए। उसके आसपास कोई औऱ पौधा बिलकुल न लगाएं। हालांकि एक स्नेक प्लांट के पास दूसरा स्नेक प्लांट रखने में कोई बुराई नहीं है।
>> घर में इशान कोण के साथ कहीं भी स्नेक प्लांट रखा जा सकता है। लेकिन इसे कभी लिविंग रूम में नहीं रखा जाना चाहिए।
>> स्नेक प्लांट में जरूरत से ज्यादा पानी न डालें। लेकिन इसे सूखने भी नहीं दिया जाना चाहिए।
>> करियर में भी बाधा आ रही हो तो स्नेक प्लांट को ऑफिस टेबल पर रख सकते हैं।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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