जीभ के रंगों में बदलाव कई बीमारियों का देते हैं संकेत, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

Shashank Baranwal
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Tongue Color: अक्सर शरीर के हर अंगों में होने वाली बदलाव नजर आने लगती है, लेकिन जीभ ऐसा अंग है जिसे कभी गौर से नहीं देखा जाता हैं। अक्सर जीभ को बस स्वाद लेने के लिए ही समझा जाता है। लेकिन जीभ स्वास्थ्य से जुड़ी कई बातों के राज खोलते हैं। इसीलिए जब हम बीमार होते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर हमारी जीभ को देखता है। आइए जानते हैं कि जीभ में किस तरह के बदलाव स्वास्थ्य से जुड़े कौन से राज को खोलते हैं।

जीभ में पीलापन होना

जीभ में पीलापन संकेत देता है कि आपके शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो गई है। अगर आपकी पाचन शक्ति ठीक नहीं है, पेट और लीवर में किसी भी तरह की समस्या हो तो जीभ में पीलापन हो जाता है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में पौष्टिक तत्वों से भरपूर फूड्स को शामिल करना चाहिए।

जीभ का लाल होना

जीभ के लाल होने का कारण शरीर में फॉलिक एसिड और विटामिन बी 12 की कमी है। यह शरीर में कावासाकी रोग का कारण बनता है। जीभ का लाल होना ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है। वहीं अगर जीभ लाल होती है तो रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं।

ब्राउन रंग की जीभ

अगर आपकी जीभ ब्राउन रंग की हो गई है तो यह संकेत देती है कि आप खूब स्मोक करते हैं। अगर आप लम्बे समय से स्मोक कर रहे तो आपकी जीभ का ब्राउन होना लाजमी है। इसके साथ ही अधिक चाय या कॉफी पीना भी जीभ के रंग को ब्राउन कर देता है।

जीभ में नीलापन होना

अगर आपकी जीभ नीले रंग या बैंगनी रंग की हो जा रही है तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी की ओर संकेत करती है। यह सायनोसिस, हार्ट और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को दिखाती है।

जीभ का सफेद होना

अगर आपका शरीर किसी भी बीमारी से ग्रसित नहीं है तो आपकी जीभ पर सफेद रंग की छोटी परत रहेगी। वहीं अगर यह परत मोटी हो जाएगी तो यह आपकी पाचन से जुड़ी बीमारी को दिखाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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