लौंग के पानी से छूमंतर हो जाएगी सर्दियों में होने वाली डैंड्रफ, इस्तेमाल से पहले जान लें सही तरीका और फायदे

clove water

Benefits of Clove Water: सर्दियों में होने वाले रूखेपन की वजह से बालों में डैंड्रफ होना आम समस्या है। मश्किल तब होती है जब शैंपू या किसी और प्रोडक्ट को यूज करने से डैंड्रफ उस वक्त तो नजर नहीं आता। लेकिन कैमिकल्स की वजह से बाल और रूखे हो जाते हैं। और, फिर डैंड्रफ भी लौट आता है। इस मौसमी रूसी से निजात पाने के लिए एक घरेलू नुस्खा आजमाया जा सकता है। ये नुस्खा है लौंग के पानी का। जिसे आप घर में ही बना सकते हैं और बालों में लगा सकते हैं। लेकिन इसका सही तरीका क्या है वो भी जान लीजिए।

ऐसे बनाएं लौंग का पानी और लगाने के तरीके

लौंग का पानी बनाने के लिए गैस पर एक बर्तन रखें और उसमें पानी भरकर गर्म होने के लिए रख दें। कुछ लौंग लें उन्हें क्रश करें और उबलते पानी डाल दें। अब पानी को अच्छे से ठंडा होने दें। इस पानी को आप स्प्रे बोतल में भरकर रख सकते हैं। पानी ज्यादा हों तो फ्रिज में भी रख सकते हैं। इस पानी को बालों में स्प्रे करें और हाथ गोल घुमाते हुए सिर की मसाज करें। बालों में ये पानी तीन से चार घंटे रहने दें। इसके बाद सिर धो लें।

लौंग के पानी के फायदे

लौंग के पानी के बहुत से फायदे होते हैं। इस पानी में एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और माइक्रोबियल प्रॉपर्टी होती हैं। जिसकी वजह से बालों में डैंड्रफ नहीं होती। इसके अलावा बाल अच्छे से हाईड्रेट होते हैं तो मजबूत भी होते हैं। लौंग में विटामिन के और यूजिलॉन नाम के तत्व होते हैं। जिसकी वजह से फॉलिकल्स स्टिम्युलेट होते हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके साथ ही लौंग की वजह से हेयर फॉलिकल्स भी मजबूत होते हैं। जिसकी वजह से बालों का झड़ना कम होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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