धारण करने वाले हैं कोई रत्न, पहले जान लें ये दस नियम, नहीं होगा कोई नुकसान

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। किसी काम में लगातार बाधा आ रही हो या फिर कोई बात बनते बनते रह जाती है। अक्सर ऐसा लगता है कि बस मनचाहे काम में कामयाबी मिलने ही वाली है। लेकिन कामयाबी के नजदीक पहुंचने से पहले ही बात बिगड़ जाती है। ऐसी मुश्किलें आती हैं तो ज्योतिषियों की याद आती है। बहुत लोगों को अलग अलग किस्म के रत्न (gemstone) पहनने की सलाह भी मिलती है। अधिकांश लोग अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण भी करते हैं। पर, ये जान लें कि रत्न को धारण करने के कुछ नियम होते हैं। जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर रत्न पहनने के फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

• सबसे पहले तो इसी बात का ध्यान रखें कि बिना ज्योतिष की सलाह के कोई रत्न धारण नहीं करना है।

• रत्न की सही परख होना भी बहुत जरूरी है। जब भी रत्न खरीदने जाएं किसी भरोसेमंद जानकार को जरूर साथ रखें जो सही और असली रत्न की पहचान कर सके।

• रत्न धारण करने से पहले उसे अच्छे से जांच लें। वो खंडित दिखे तो उसे धारण न करें। इसी तरह पहने पहने किसी रत्न का रंग बदल गया या हल्का पड़ गया तो उसे भी उतार देना ही अच्छा होगा।

• जो भी रत्न धारण करें, ये सुनिश्चित करें कि वो शरीर से टच होता रहे। इसके लिए अंगूठी या ल़ॉकेट की बनावट भी उसी तरह की रखी जाती है।

• हर रत्न के साथ एक मंत्र जुड़ा होता है। उसका सही उच्चारण करते हुए ही रत्न पहनें।

• रत्न पहनने से पहले ये भी जान लें कि आपको किस धातु के साथ उसे पहनना है। चांदी या सोना में से रत्न के साथ क्या जमेगा ये ज्योतिष से जान सकते हैं।

• नीलम और हीरा जैसे कुछ रत्न सभी को सूट नहीं करते। इन्हें ज्योतिष की सलाह के बाद ही पहने। पहनने से एक दिन पहले इसे अपने पास रख कर सोना चाहिए। ताकि कुछ दुष्प्रभाव होतो उसका अंदाजा लगाया जा सके।

• रत्न का कितना वजन आपके लिए फायदेमंद है ये भी जानकर रत्न खरीदे। बेकार में बड़ा रत्न पहनने से फायदे की जगह नुकसान हो सकात है।

• रत्न धारण करने से पहले दिनों के बारे में भी जान लें। अमावस्या या ग्रहण के दिन रत्न धारण नहीं किए जाते हैं।

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*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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