Freelancing करते हैं? इन 3 सबसे बड़ी मुश्किलों से बचना सीख लें वरना होगा नुकसान

Freelancing का सफर जितना लचीला और रोमांचक लगता है, उतना ही इसमें कई चुनौतियाँ भी होती हैं. काम मिलने से लेकर समय पर पेमेंट पाने तक, हर कदम पर नई मुश्किलें आ सकती हैं. अगर इन परेशानियों से सही तरीके से निपटा जाए, तो फ्रीलांसिंग एक शानदार करियर बन सकता है.

Bhawna Choubey
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जैसे-जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे-वैसे काम करने के तरीक़े भी बदलते जा रहे हैं, कुछ लोगों को 9 टू 5 जॉब करना अच्छा लगता है, तो वहीं कुछ लोगों को इस जॉब में बंधक जैसा महसूस होता है. कुछ लोग अपने काम को आज़ादी से करना ज़्यादा पसंद करते हैं, इसी के चलते वे लोग फ़्रीलांसिंग करना ज़्यादा पसंद करते हैं. हालाँकि, आजकल फ़्रीलांसिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है, जिसे देखो हर कोई फ़्रीलांसिंग करना चाहता है.

फ़्रीलांसिंग (Freelancing) करने के कई फ़ायदे होते हैं, इसमें पैसा भी ज़्यादा कमाया जा सकता है. फ्रीलांसर के रूप में व्यक्ति एक से ज़्यादा कंपनियों में काम कर सकता है, एक से ज़्यादा प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकता है, फ़्रीलांसिंग में भले ही इंसान को तय समय पर काम करना होता है, लेकिन वह फिर भी ख़ुद को आज़ाद महसूस करता है. यही कारण है कि अब हर कोई फ़्रीलांसिंग करना ज़्यादा पसंद कर रहा है, लेकिन हम आपको बता दें, कि यह इतना भी आसान नहीं होता है जितना कि ये नज़र आता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि अगर आप फ़्रीलांसिंग करने का सोच रहे हैं, तो आपको किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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सैलरी फिक्स न होना

अगर आप कहीं किसी कंपनी में 9 टू 5 जॉब करते हैं, तो आपकी इनकम फिक्स होती है, आपको कहीं न कहीं पता होता है कि आपको महीने के आख़िर में इतनी सैलरी मिलेगी ही. लेकिन फ़्रीलांसिंग में ऐसा नहीं होता है, इसमें कभी आप ज़्यादा पैसे कमा लेते हैं, तो कभी आप पैसे कम भी कमा सकते हैं. ऐसा होता है कि फ़्रीलांसिंग करने से कुछ महीनों में आपके पास ढेर सारा पैसा आ जाता है, तो वहीं अगले ही महीने आपके पास ख़र्चा चलाने तक का पैसा नहीं रहता है. ऐसे में आपको सही मैनेजमेंट की आवश्यकता होगी, जिससे कि आप अपने पैसों को बचा भी सके, और सही जगह पर लगा भी सकते हैं.

समय पर पैसे न मिलना

सबसे ज़्यादा जिस समस्या से फ्रीलांसर को गुज़रना पड़ता है वह यह है की क्लाइंट कभी भी समय पर पैसे नहीं देते हैं. पैसों के लिए बार-बार क्लाइंट को परेशान करना पड़ता है. जिससे कि इंसान परेशान हो जाता है और चिड़चिड़ा हो जाता है. अगर आप चाहते हैं कि फ़्रीलांसिंग काम के दौरान आपको इस परेशानी का सामना न करना पड़े, तो आप काम शुरू करने से पहले ही एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा सकते हैं, साथ ही साथ आप चाहें तो एडवांस भी माँग सकते हैं. इसके अलावा कोशिश करें कि आपको फ़्रीलांसिंग काम अच्छी कंपनियों के साथ करें, ताकि वे पैसे देने में नाटक न करें.

ओवरवर्क करना

कई बार ऐसा होता है कि फ्रीलांसर को हद से ज़्यादा काम करना पड़ सकता है. फ़्रीलांसिंग घर से ही काम करना होता है, जिस वजह से पर्सनल और प्रोफ़ेशनल लाइफ़ पूरी तरह से मिक्स हो जाती है. इससे ज़्यादा कमाने के चक्कर में अक्सर लोग एक साथ कई सारे प्रोजेक्ट उठा लेते हैं, फिर उन्हें समय पर पूरा करने के लिए वे दिनभर काम में लगे रहते हैं, जिस वजह से अपना समय घर वालों को नहीं दे पाते हैं, और ऐसे में पर्सनल लाइफ़ कहीं न कहीं ख़राब होने लगती है. इस समस्या से बचने के लिए केवल उतने ही प्रोजेक्ट उठाए, जितने कि आप समय पर पूरा कर सकें , और फिर अपने परिवार को समय दे सकें.
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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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