सर्दियों में धूप में बैठने से हो गई टैनिंग? ये तरीके बनाएंगे स्किन को ग्लोइंग

सर्दियों की ठंडी धूप का आनंद लेना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन इसका असर आपकी त्वचा पर टैनिंग के रूप में भी दिख सकता है.लगातार धूप में बैठने से स्किन नमी खो देती है और टैन हो जाती है, जिससे चेहरा मुरझाया और बेजान लगने लगता है.

Bhawna Choubey
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Skin Care: सर्दियों के मौसम में मीठी-मीठी धूप का मज़ा लेना बहुत ही सुखद अनुभव होता है. ज़्यादा देर तक धूप में बैठने से टैनिंग की समस्या बढ़ सकती है. टैनिंग न सिर्फ़ चेहरे का रंग फीका और काला करती है बल्कि स्किन को रूखा और बेजान भी बना देती है.

टैनिंग की समस्या से न सिर्फ़ चेहरे की रंगत घटती है बल्कि आत्मविश्वास भी घट जाता है. सर्दियों के मौसम में अपनी त्वचा को एक्स्ट्रा केयर देने की आवश्यकता होती है. ताकि त्वचा ना सिर्फ़ धूप से बचे रहें बल्कि स्वस्थ और चमकदार भी रहे.

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सर्दियों में धूप में बैठने से हो गई टैनिंग? (Skin Care)

त्वचा संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोग पार्लर में महँगा-महँगा ट्रीटमेंट करवाते हैं. ये ट्रीटमेंट न सिर्फ़ महंगे होते हैं बल्कि कैमिकल वाले भी होते हैं, जो कई बार त्वचा को ठीक करने की बजाय और भी ख़राब कर देते हैं.

एक्सफोलिएशन

त्वचा से टैनिंग हटाने के लिए एक्सफोलिएशन करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. नियमित एक्सफोलिएशन से डेड स्किन हट जाती है जिससे त्वचा कोमल और फ़्रेश बनी रहती है. इस प्रक्रिया के ज़रिए डेड सेल्स को हटाने में मदद मिलती है और सप्ताह में कम से कम एक बार ज़रूर करना चाहिए.

मॉइश्चराइजिंग

सर्दियों में त्वचा की नमी कम होने लगती है जिससे स्किन ड्राई और बेजान हो जाती है. ऐसे में तो अच्छा को हाइड्रेट रखना बहुत ज़रूरी होता है. बदलते मौसम के साथ अपनी स्किन केयर रूटीन को भी अपडेट करना बहुत ज़रूरी है. स्किन को मॉइश्चराइजिंग के लिए मॉइश्चराइर और बॉडी लोशन का इस्तेमाल करें.

सनस्क्रीन

बहुत लोगों को यह ग़लतफहमी रहती है कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल सिर्फ़ और सिर्फ़ गर्मी के मौसम में ही किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है अगर सर्दी के मौसम में आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो सनस्क्रीन लगाकर ही निकले. सूरज की किरणें ठंड के मौसम में भी त्वचा को ख़राब कर सकती है.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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