क्या आप जानते हैं, जनवरी नहीं मार्च से शुरू होता था Happy New Year

Happy New Year 2023 : नया साल आने में अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे से ही नए साल का आगाज़ मान लिया जाता है और 1 जनवरी को दुनियाभर में कैलेंडर (Calender) बदल जाते हैं। बस शनिवार रात ही 2022 की विदाई हो जाएगी और दुनियाभर में लोग एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर 2023 विश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नया साल हमेशा जनवरी माह से ही शुरू नहीं होता था। कुछ हजार साल पहले नए साल का जश्न मार्च महीने में मनाया जाता था।

मार्च से होती थी नए साल की शुरूआत

रोमन कैलेंडर के मुताबिक जनवरी साल का पहला महीना होता है। लेकिन इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। रोम के राजा थे नूमा पोंपिलुस (Roman Emperorer Numa Pompilus) और उनके काल में कैलेंडर में 12 की जगह 10 महीने होते थे। उस समय एक साल में 310 दिन होते थे और एक हफ्ता 8 दिनों का होता था। खास बात ये कि उस समय नया साल मार्च महीने से प्रारंभ होता था। लेकिन नूमा पोंपिलुस ने ही नए साल का पहला महीना मार्च से जनवरी किया था। दरअसल मार्च माह का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था। मार्स को युद्ध का देवता माना जाता है। नूमा नहीं चाहते थे कि साल की शुरूआत युद्ध के देवता के नाम पर हो इसलिए उन्होने जनवरी को पहला महीना बना दिया। जनवरी का नाम रोमन देवता जेनस के नाम पर रखा गया है और मान्यता है कि इनके दो मुंह हुआ करते थे। सांकेतिक रूप से आगे वाले मुंह को साल का प्रारंभ और पीछे वाले मुंह को साल का अंत माना गया है।

जूलियन सीजर ने बनाया 12 महीने वाला कैलेंडर

12 माह वाला कैलेंडर को बनाने का श्रेय करीब 46 ईसा पूर्व रोमन सम्राट जूलियस सीजर (Roman Emperor Julius Caesar) को जाता है। सीजर को खगोलविदों से जानकारी मिली कि सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी को 365 दिन और छह घंटे का समय लगता है। इसके बाद उन्होने नई गणना के आधार पर नया कैलेंडर बनाया जिसमें 310 दिनों को 365 दिनों में विभाजित किया गया और इस आधार पर 12 महीनों का साल बना। साल का 7वां महीना सम्राट जूलियस सीजर के नाम पर रखा गया है और उन्हें समर्पित है। इससे पहले जुलाई का नाम क्विंटिलिस हुआ करता था। हालांकि इसके बाद फिर एक नया कैलेंडर आया जोकि सूर्य की परिक्रमा के दौरान लगने वाले समय के अंतर पर ही आधारित था। रोमन चर्च के पोप ग्रेगोरी 13वीं ने इस पर काम शुरू किया। इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर नाम दिया गया लेकिन इसमें भी नए साल की शुरूआत 1 जनवरी से ही मानी गई।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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