Homemade Liquid: गुड़हल का फूल लाल, सफेद, गुलाबी रंगों में खिलता है और हर जगह आसानी से देखने को मिल जाता है। इसकी खूबसूरती सबको भाती है और पूजा में भी भगवान को प्रसन्न करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए यह फूल आपको हर गार्डन, बालकनी या छत पर लगा हुआ मिलेगा। यह फूल देखने में जितना सुंदर है, उतना ही गुणकारी भी है। इसके फूलों से चाय बनाई जाती है जो कई स्वास्थ्य लाभ देती है।
इसके अलावा, इसके पत्तों का इस्तेमाल भी कई दवाओं में किया जाता है। तो अगली बार जब आप गुड़हल का फूल देखें, तो उसकी खूबसूरती का आनंद जरूर लें और उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानें। गुड़हल का फूल भले ही बहुत खूबसूरत हो, लेकिन इसकी एक बड़ी समस्या कीड़े और चीटियां हैं। ये छोटे जीव पत्तों, डालियों और यहां तक कि फूलों की कलियों तक हर जगह चले जाते हैं। इनकी वजह से गुड़हल के फूल खिल नहीं पाते हैं और पौधा भी नुकसान ग्रस्त हो जाता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो चिंता न करें। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनसे आप अपने गुड़हल के पौधे को कीड़े और चीटियों से बचा सकते हैं।
चींटियां गुड़हल के पौधों में आम समस्या हैं। वे पौधे को नुकसान पहुंचाती हैं और फूलों के खिलने में रुकावट डालती हैं। लेकिन चिंता न करें। लाल मिर्च और लहसुन का मिश्रण एक प्राकृतिक विकर्षक है जो चींटियों को दूर भगाने में मददगार हो सकता है। यहां बताया गया है कि इसे कैसे बनाया और इस्तेमाल किया जाए।
सामग्री:
1 लीटर पानी
2 बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर
4-5 लहसुन की कलियां, कुचली हुई
विधि:
एक बर्तन में पानी गरम करें।
पानी में लाल मिर्च पाउडर और लहसुन की कलियां डालें।
मिश्रण को 10-15 मिनट तक उबालें।
मिश्रण को ठंडा होने दें।
ठंडा होने के बाद, मिश्रण को छिड़कने वाली बोतल में भर लें।
उपयोग:
पौधे की जड़ों और तने पर मिश्रण छिड़कें।
इस उपाय को हर हफ्ते कम से कम दो बार जरूर करें।
नीम का तेल
नीम का तेल एक प्राकृतिक और प्रभावी विकर्षक है जो चींटियों को दूर रखने में मदद कर सकता है। नीम का तेल कीड़ों और चीटियों के लिए प्राकृतिक विकर्षक है। इस तेल को पानी में मिलाकर पौधे पर छिड़कें।
सामग्री:
1 लीटर पानी
10 बूंद नीम का तेल
विधि:
एक बोतल में 1 लीटर पानी लें।
इसमें 10 बूंद नीम का तेल डालें।
बोतल को अच्छी तरह हिलाएं।
मिश्रण को छिड़कने वाली बोतल में भर लें।
उपयोग:
पौधे की जड़ों, तने और पत्तियों पर मिश्रण छिड़कें।
यह सुनिश्चित करें कि मिश्रण चींटियों के बिलों में भी जाए।
इस उपाय को हर 3-4 दिन में दोहराएं।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।