Part Time Job: कॉलेज के बाद छात्र और युवाओं की जिंदगी में एक ऐसा समय आता है। जब उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ जॉब के बारे में भी सोचना पड़ता है, क्योंकि यह उम्र एक ऐसी उम्र होती है, जब छात्र और युवाओं को खुद के खर्चे खुद उठाने की जिम्मेदारी मिलती है।
इस उम्र में माता-पिता से हर छोटी-छोटी चीजों के लिए पैसे मांगना अच्छा नहीं लगता है, साथ ही साथ पढ़ाई छोड़कर सिर्फ नौकरी करना भी कहीं ना कहीं इस उम्र के लिए सही नहीं है। पढ़ाई भी जरूरी है और जॉब भी जरूरी है, क्योंकि पढ़ाई नॉलेज दे रही है और जॉब पैसे दे रही है। ऐसे में दोनों को मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होता है।
पढ़ाई के साथ कैसे मैनेज करें पार्ट टाइम जॉब
ऐसे में फिर पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब करना युवाओं के जीवन का एक अहम मोड़ होता है, क्योंकि यह न केवल उन्हें फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट बना देता है, बल्कि उनके वर्क एक्सपीरियंस और स्किल को भी निखारता है। लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि काम और पढ़ाई दोनों को साथ में मैनेज करना आसान नहीं है।
पढ़ाई और जॉब दोनों को बैलेंस करने के कारण कई बार मानसिक थकावट महसूस हो सकती है। आज हम आपको आर्टिकल में बताएंगे कि आप अपनी पढ़ाई के साथ ही साथ पार्ट टाइम जॉब को कैसे मैनेज कर सकते हैं।
काम के घंटे तय करें
काम और पढ़ाई दोनों को साथ मैनेज करने के लिए सबसे जरूरी है, कि आप पहले अपनी जॉब के घंटों पर ध्यान दें। आप पहले यह सोचें की आखिर आप अपनी जॉब में दिनभर का कितना समय दे रहे हैं।
जब कभी भी आप जॉब करने के बारे में सोचें, चाहे वह ऑफिस जाकर काम करना हो या फिर घर पर ही काम क्यों ना करना हो, पहले देखें कि आपको कितना समय ऑफिस में देना पड़ रहा है। कभी भी बिना सोचे समझे सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने के लिए आप पार्ट टाइम जॉब ज्वाइन ना करें, इससे आपकी पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।
शेड्यूल बनाएं
सबसे पहले अपने दिन का शेड्यूल बनाएं। शेड्यूल बनाने की वजह से आपको पार्ट टाइम जॉब के साथ-साथ पढ़ाई करने में मदद मिलेगी। शेड्यूल बनाने से आप पढ़ाई और काम दोनों को सही समय दे पाएंगे।
कई बार लोग काम में इतने ज्यादा उलझ जाते हैं, कि उन्हें पढ़ाई का समय ही नहीं मिलता है उनका दिमाग पूरी तरह थक जाता है।
छोटी सफलताओं का जश्न मनाएं
कभी-कभी काम और पढ़ाई दोनों को साथ में मैनेज करना मुश्किल हो जाता है, जिस वजह से बर्नआउट हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो व्यक्ति ना काम में अच्छा परफॉर्म कर पाता है, ना ही पढ़ाई पर ध्यान दे पाता है।
ऐसे में जरूरी है कि आप शॉर्ट और लॉन्ग टर्म गोल्स को समझें, हमेशा लॉन्ग टर्म गोल के पीछे ही ना भागें। कभी-कभी छोटी-छोटी सफलताओं का भी जश्न मनाएं, इससे आपका मन खुश रहेगा और दिमाग भी शांत रहेगा।