पेरेंटिंग स्ट्रेस से कैसे बचें, ये ट्रिक्स देंगे आपको शांति और संतुलन

पेरेंटिंग एक खूबसूरत सफर है, लेकिन इस दौरान आने वाला तनाव अक्सर मुश्किलें पैदा कर सकता है. बच्चों की देखभाल, काम, घर और बाकी जिम्मेदारियों को एक साथ संभालते हुए तनाव महसूस होना स्वाभाविक है.

Bhawna Choubey
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पेरेंट्स बनने का अनुभव एक बहुत ही अच्छा अनुभव होता है. लेकिन इसके साथ कुछ मुश्किलें भी आती है. बच्चों को पालने का ख़ुशी का अनुभव बहुत अनमोल है लेकिन घर के काम और कामकाजी ज़िम्मेदारियों के बीच बैलेंस बनाना बहुत स्ट्रेसफुल हो सकता है.

इस स्ट्रेस को सही तरीक़े से संभालना आपके स्वस्थ के लिए और बच्चों के लिए एक अच्छा वातावरण बनाने के लिए ज़रूरी है. आज हम आपको इस आर्टिकल के ज़रिये पेरेंटिंग की चुनौतियों को शांति और आत्मविश्वास के साथ संभालने के कुछ आसान और सरल तरीक़े बताएंगे.

पहले से ही प्लानिंग करें (Parenting Tips)

हर काम की पहले से प्लानिंग करना आपके सारे काम को आसान बनाएगा और हर दिन को संभालना आपके लिए सरल हो जाएगा. सबसे पहेले रोज़ की ज़रूरी चीज़ों को को तय करें जैसे खाने का समय, सोने का समय, स्कूल छोड़ना लाना और अगर आप काम भी कर रहे हैं तो नौकरी की ज़िम्मेदारियों को भी ध्यान में रखें.

मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें

अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है, माता पिता बनने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ जाती है, ऐसे में भागदौड़ और काम के चलते अपनी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें. अगर आप दुखी , घबराए हुए या तनाव में हैं तो किसी एक्सपर्ट से मदद ले सकते हैं. इसे देर होने से पहले ठीक करना बेहतर है ताकि आपकी मानसिक सेहत पर बुरा असर न पड़े.

ख़ुद के लिए समय निकालें

अपनी पेरेंटिंग ज़िम्मेदारियों के साथ साथ ख़ुद के लिए भी थोड़ा समय निकालना बहुत ज़रूरी है. शौक़, व्यायाम या कोई भी ऐसी चीज़ें करें जिससे आपके मन को शांति मिलती हो और जो आपको बहुत पसंद हो. चाहे इसके लिए आपको कुछ देर के लिए आराम ही क्यों ना करना पड़े.

बच्चों से बातचीत करें

अपने बच्चों के साथ खुलकर बातें करें, दिन भर से सिर्फ कामों में उलझकर ही ना रहें. उनकी ज़रूरतों, भावनाओं और चिंताओं पर ध्यान रखें, अगर आप सिर्फ़ अपने कामों में ही लगे रहेंगे तो आपका बच्चा आप से दूरी बना लेगा और फिर आपसे कभी भी कोई भी बातें शेयर नहीं करेगा.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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