गुड़हल के पौधे में भर-भरकर फूल कैसे लाएं? ये छिलका कर सकता हैं कमाल, जानें तरीका

अगर आप चाहते हैं कि आपके गुड़हल के पौधे में हर मौसम में खूब सारे फूल खिलें, तो आपको इसकी सही देखभाल और पोषण का खास ध्यान रखना होगा। कई बार लोग सही तरीकों को न अपनाने की वजह से शिकायत करते हैं कि उनके पौधे में फूल नहीं आ रहे।

अगर आपको गार्डनिंग करने का शौक़ है तो आपने अपने घर में गुड़हल का पौधा तो अवश्य लगाया होगा। गुड़हल के बड़े बड़े चमकदार फूल न सिर्फ़ दिखने में ख़ूबसूरत लगते हैं बल्कि पूजा पाठ में भी इनका ख़ास महत्व है। इन फूलों को लाल फूल और देवी के फूलों के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये फूल माँ दुर्गा को अत्यंत प्रिय है। इतना ही नहीं आयुर्वेद में भी इसे सेहत के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद बताया गया है।

लेकिन अक्सर कई लोग शिकायत करते रहते हैं कि उनके घर गुड़हल का पौधा लगा है, लेकिन गर्मी का मौसम आते ही पौधा मुरझाने लगता है और फूल खिलना भी बंद हो जाते हैं। सबसे पहले तो हमें कारण समझना चाहिए, इस बात का ध्यान रखें कि हर एक पौधों की देखभाल करने का तरीक़ा अलग होता है।

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गुड़हल के पौधों की देखभाल कैसे करें?

जैसे जैसे मौसम बदलता है वैसे ही वैसे हमें पौधों की देखभाल करने का तरीक़ा भी बदलना चाहिए। पौधों के मुरझाने और फूल न लगने के पीछे पोषक तत्वों की कमी सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि गुड़हल के पौधों को स्वस्थ रखने के लिए ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत नहीं है बल्कि सही देखभाल की ज़रूरत है। चलिए फिर बिना देर करते हुए जान लेते हैं कि कैसे गुड़हल के पौधों की देखभाल करें।

गुड़हल के पौधों के लिए कैसे करें प्याज़ के छिलके का इस्तेमाल?

प्याज़ का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए हम प्याज़ के छिलकों को निकालते हैं और बेकार समझकर फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह छिलके बेकार नहीं होते हैं बल्कि पौधों के लिए रामबाण होते हैं।

प्याज़ के छिलकों में कैल्शियम, मैग्नेशियम, कॉपर और आयरन जैसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं जो पौधों की सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद माने जाते हैं। गुड़हल के पौधों के लिए प्याज़ के छिलके बहुत फ़ायदेमंद होते हैं, जल्द ही जानते हैं कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

गुड़हल में ज्यादा फूल लाने का सही तरीका

प्याज़ के छिलकों का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक मुट्ठी छिलकों को एक लीटर पानी में मिलाकर दो दिनों के लिए ढककर रख दें। इस दौरान इसे घर के छत या फिर बाहर रखें ताकि बदबू ना फैले। जब दो दिन का समय पूरा हो जाए तो पानी को छान कर गूगल के पौधों की जड़ों में डालें। इसके बाद में मिट्टी को हल्का ढीला कर दें, ताकि यह पानी अच्छी तरह अंदर जा सके। ऐसा करने से आपका पौधा जल्द ही हरा भरा हो जाएगा और उसमें ढेरों फूल भी खिलने लगेंगे।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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