Foods for Memory: बच्चों को दिमागी तौर पर मजबूत करना चाहते है तो अपनाएं पांच सुपरफूड्स, पढ़ें खबर

अगर आप भी अपने बच्चों का मानसिक रूप से विकास चाहते हैं तो उन्हें पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन को देना चाहिए। इसके लिए इन सुपरफूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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Foods for Memory: स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। यह वाक्य बताता है कि अगर शरीर स्वस्थ है तो दिमाग भी स्वस्थ रहता है। वहीं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर डाइट को शामिल करना चाहिए। अगर आप भी अपने बच्चों का मानसिक रूप से विकास चाहते हैं तो उसकी डाइट को बदलना पड़ेगा। डाइट में पौष्टिक तत्वों से भरपूर फूड्स को शामिल करना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं।

अखरोट

बच्चों का मानसिक विकास करने के लिए उनको रोजाना अखरोट खिलाइए। बता दें कि अखरोट में एंटी ऑक्सीडेंट, ओमेगा- 3 फैटी एसिड और विटामिन- ई पाया जाता है। इसके सेवन से दिमाग तेज होता है।

डार्क चॉकलेट

अगर आप अपने बच्चों का मानसिक विकास चाहते हैं तो डार्क चॉकलेट को खाने के लिए देना चाहिए। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और एंटी ऑक्सीडेंट मूड को हैप्पी रखने में मदद करता है। साथ ही यह याददाश्त को तेज करने में भी मददगार साबित होता है।

ब्लू बेरी

ब्लू बेरी भी बच्चों के दिमाग को तेज करने में असरदार साबित होते हैं। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट दिमाग को एकाग्रचित रखने में मदद करता है। साथ ही याददाश्त को भी तेज करने में मददगार साबित होता है।

टमाटर

टमाटर भी मानसिक विकास के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट दिमाग को तेज करने के साथ दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

फैटी फिश

वहीं जो नॉनवेज खाना पसंद करते हैं वो अपने बच्चों को साल्मन और सार्डिन जैसे फैटी फिश को खाने में दे सकते हैं। इसमें मौजूद ओमेगा- 3 फैटी एसिड दिमाग को तेज करने में मददगार साबित होता है।

(Disclaimer: यहां उपलब्ध सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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